Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
जॉब फेयर्स के फायदे और नुकसान - Sabguru News
Home Career Education जॉब फेयर्स के फायदे और नुकसान

जॉब फेयर्स के फायदे और नुकसान

0
जॉब फेयर्स के फायदे और नुकसान

आजकल सभी कॉलेजो में दाखिले और अंतिम दिनों में जॉब फेयर, करियर फेयर या प्लेसमेंट वीक जैसे प्रोग्राम संचालित होते है। एक नजर में तो यह बहुत फायदे का सौदा लगता है,लेकिन हर फायदे के भी नुकसान और फायदे होते ही है। जैसे कि एक समय देखा जा रहा था जब करियर फेयर्स चमक खोने लगे थे।

लेकिन बढ़ती बेरोजगारी और कर्मचारियों की कोशिशों के बाद ये फिर चलन में आ चुके हैं। वहीं स्टूडेंट्स को इस तरह के फेयर की पूरी जानकारी पता करने के बाद ही वहां जाना चाहिए ताकि समय के साथ-साथ पैसे की बर्बादी न हो। इससे यह जानने में भी आसानी होगी कि फेयर प्रोफाइल से मैच कर भी रहा है या नहीं। आइए जानते है कि इस तरह के तमाम जॉब फेयर में कंपनियों और प्रतिभागियों को क्या नुकसान व फायदा होता है।

कंपनियों के फायदे और नुकासान

एक ही स्थान पर ज्यादा से ज्यादा प्रतिभागी मिल जाते हैं। इसके अलावा किसी भी कंपनी कि ब्रांड को लेकर जागरुकता बढ़ती है। साथ ही गैर पारंपरिक प्रतिभागियों से मिलने का मौका मिलता है। इस तरह के जॉब फेयर में सभी इंडस्ट्रीज को ए​क दूसरे के बारे में भी जानने का मौक मिलता है। जबकि वहीं इन फेयर्स के कुछ नुकसान भी होता है, जैसे कि कंपनियों के पास प्रतिभागियों को जांचने परखने के लिए सीमित या यूं कहें कि बहुत कम समय होता है। प्रतिभगियों के सामने कई कंपनियों के ऑफर होने के कारण जॉइनिंग की सुरक्षित नहीं रहती।साथ ही अकसर समय कम मिल पाने के कारण गलत प्रतिभागी का चुनाव भी हो जाता है। इसके अलावा जॉब फेेयर्स के खर्चे बहुत होते है। जबकि कई बार प्रतिभागियों के बैकग्राउंड का पता नहीं होने के कारण तकनीकी पैनल की प्लानिंग में दिक्कत आती है।

प्रतिभागियों के फायदे और नुकसान

इन जॉब फेयर्स के जरिए प्रतिभागियों को इंडस्ट्री से मिलने और उनके वर्क कल्चर को समझने का मौका मिलता है। साथ ही इंडस्ट्री की कई कंपनियां एक ही जगह मिल जाती हैं और उनके प्रतिनिधियों से मिलने का मौका मिलता है। इंडस्ट्री कि थिसिस देखने और सवाल-जवाब करने का मौका मिलता है। बहुत से कर्मचारी होने के कारण बेस्ट ऑफर मिल जाता है। साथ ही रिज्यूमे भेजकर इंतजार करने से बच जाते हैं और उसी समय मुलाकात की जा सकती है इतने फायदो के साथ प्रतिभागियों को नुकसान भी उठाना पड़ता है। जैसे कि कई तरह की कम्पनी और जॉब होने की वजह से एक टारगेट नहीं बन पाता है। इससे सभी स्टूडेंट्स में दुविधा की स्थिति बनती है। कर्मचारी हर प्रतिभागी को ज्यादा समय नहीं दे सकते, जिसके कारण उन्हें कुशलता साबित करने का समय नहीं मिल पाता। जॉब फेयर में मिली नौकरी ज्यादातर संविदात्मक या कॉन्ट्रेक्ट आधारित होती हैं जिनमें नौकरी की सुरक्षा कम होती है।

यह भी पढ़े :-

एग्जाम्स कि तैयारी के लिए तैयार है आप!

एग्जाम्स कि तैयारी के लिए तैयार है आप!

बड़े कमाल के है आपके फिंगर प्रिंट्स

गैजट्स की दुनिया, कौन हुआ फेल कौन पास