बगदाद। अमरीका के विदेश मंत्री जॉन केरी इस समय बगदाद में हैं, उन्होंने वहां से इराकी नेताओं के समर्थन में अपना यह बयान दिया है कि अमरीकी सेनाओं को इराक नहीं भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि आईएस के खिलाफ चल रही लड़ाई इराकी सरकार और जनता को एकजुट होकर लड़ना चाहिए। उधर, दमिश्क में आईएस ने उन 300 श्रमिकों को रिहा करने का दावा किया है, जिन्हें एक सीमेंट फैक्ट्री से अगवा किया गया था।
अमरीकी विदेश मंत्री केरी अचानक ही शुक्रवार को बगदाद पहुंच गए। यहां इराक के विदेश मंत्री इब्राहिम अल-जाफरी ने उनका स्वागत किया। इसके बाद वह प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी से मिले।
उन्होंने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ चल रहे आतंकवाद रोधी अभियानों के बीच इराकी सरकार से एकजुट होकर काम करने का आग्रह किया।
बैठक के दौरान, दोनों पक्षों के बीच इराक में सुरक्षा और राजनीतिक विकास, आईएस के खिलाफ युद्ध के अलावा द्विपक्षीय संबंधों पर भी चर्चा हुई।
केरी ने सुरक्षा, आर्थिक एवं राजनीतिक चुनौतियों से निपटने के लिए अबादी की सुधार योजना की ओर इशारा करते हुए कहा कि क्षेत्र में स्थिरता अत्यंत महत्वपूर्ण है।
केरी ने अबादी द्वारा मंत्रिमंडल में फेरबदल के प्रयासों का उल्लेख करते हुए इराक में राजनीतिक संकट को उसका आतंरिक मामला बताया। केरी ने कहा कि इराक में और अतिरिक्त अमेरिकी सेनाओं की जरूरत नहीं है।
प्रधानमंत्री अबादी ने अधिक अमरीकी सेनाओं के लिए कोई आग्रह नहीं किया है। केरी ने कहा कि आईएस के गिने-चुने दिन रह गए हैं। हम जीत जाएंगे।
आईएस ने किया श्रमिकों की रिहाई का दावा
आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने एक सीमेंट कारखाने से अगवा किए गए 300 श्रमिकों को शुक्रवार को रिहा करने का दावा किया है। आईएस ने टीवी रिपोर्टों में 300 में से 175 श्रमिकों की हत्या से संबंधित खबरें आने के बाद यह दावा किया है।
आईएस की समाचार एजेंसी ‘अमाक’ द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक आईएस ने 20 श्रमिकों को अब भी बंधक बना रखा है और द्रुज अल्पसंख्यकों में से चार श्रमिकों की हत्या की है, जिन्हें आईएस काफिर मानता है।
बयान के मुताबिक आईएस के आतंकवादी इस सप्ताह की शुरुआत में इन श्रमिकों को डुमेर के सीमेंट कारखाने से अगवा कर एक सुरक्षित स्थान पर ले गए थे।
बयान के मुताबिक लड़ाके श्रमिकों से पूछताछ कर रहे थे कि क्या वे गैर मुसलमान हैं। इस वक्त जो 20 श्रमिक आईएस के चंगुल में हैं, वे नेशनल डिफेंस फोर्सेज के सदस्य हैं, जो सीरियाई सेना का समर्थन करने वाला एक अर्धसैनिक बल है।