सिडनी। सिडनी से लेकर होबार्ट तक कई रेस में हिस्सा ले चुके और ओलिंपिक और पैरालिंपिक में कई पदक जीत चुके जॉन मॅक्लीन ने करीब तीन दशकों तक व्हीलचेयर पर बैठने के बाद अब चलना सीख लिया है।
व्हीलचेयर पर से ही उन्होंने विश्व की सबसे मुश्किल मानी जाने वाली हवाई आयरनमैन ट्रायथलॉन रेस पूरी की। 1995 में पहले प्रयास में वे 17 घंटे के कटऑफ समय से पहले यह पूरी नहीं कर सके।
एक साल बाद उन्होंने यह तय समय के अंदर पूरी की लेकिन यह परिणाम अनाधिकृत बताया गया, क्योंकि साइकल पंचर होने से उन्हें साइकल रेस में ज्यादा समय लगा था। 1997 में मॅक्लीन अंततः हवाई रेस पूरी करने वाले पहले पैरा एथलीट बनें।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने यह दूरी सामान्य एथलीटों के लिए तय समय सीमा के अंदर पूरी की। उन्होंने 12 घंटे 21 मिनटों का समय लिया। कुछ सप्ताह बाद उन्होंने पर्थ में विश्व चैंपियनशिप में भी हिस्सा लिया और दूसरा ओलिंपिक मानकों का ट्रायथलॉन जीता।
गौरतलब है कि 1988 में ट्रायथलॉन के लिए पश्चिम सिडनी में अभ्यास के दौरान मॅक्लीन को ट्रक ने टक्कर मार दी थी। टक्कर के बाद मॅक्लीन की पीठ में गंभीर चोट आई थी।
कूल्हा चार जगह से टूट चुका था, हाथ व पसलिया भी टूट चुकी थी और फेफड़ों ने काम करना बंद कर दिया था। लेकिन ट्रेमोर थेरेपी की वजह से मॅक्लीन थोड़े समय के लिए चल सकते हैं।