मुजफ्फरपुर। आतंकी संगठन आईएस में शामिल होने जा रही नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से पकड़ी गई यास्मीन मोहम्मद के अतीत और वर्तमान को खंगालने में ख़ुफ़िया विभाग जुट गया है।
हालांकि राष्ट्रीय जांच एजेन्सी (एनआईए) व बिहार पुलिस की स्थानीय टीम को अभी कुछ खास सुराग नहीं लग पाया है। इसके बावजूद उसके मुरौल व राजोपट्टी से जुड़े तार, मुरौल आने का असली मकसद क्या था?
इसकी पुख्ता जानकारी तथा मुरौल प्रवास के दौरान किन-किन लोगों से उसने संपर्क किया तथा किस-किस को अपने प्रभाव में लिया एवं यास्मीन को मुरौल लाने व फिर यहां से ले जाने वाला बाइक चालक कौन था? ख़ुफ़िया विभाग इन सारे सवालों का जबाब ढूढने में लगा है।
इस बीच यास्मीन का तलाकशुदा पति सैय्यद अहमद उर्फ छोटे ने यास्मीन की गिरफ्तारी के बाद अपने पैतृक गांव हुमांयूपुर आकर यह साफ कर दिया है कि कासररोड (केरल) निवासी आतंकी अब्बदुल राशिद से यास्मीन की बढ़ती नजदीकी के कारण दोनों का तलाक हुआ।
मीडिया के सामने अपना पक्ष रखते हुए सैय्यद अहमद ने तलाक के बाद यास्मीन से किसी भी तरह के रिश्ते होने से इनकार करते हुए कहा कि आतंक और आतंक की दुनिया से सरोकार रखने वाले किसी भी व्यक्ति से उसका कभी कोई सरोकार नहीं रहा है।
खुफिया विभाग अभी तक इस नतीजे पर पहुंचा है कि उसके पांच वर्षीय बेटे का पासपोर्ट पटना से तब निर्गत किया गया जब केरल पुलिस ने यास्मीन की गिरफ्तारी के लिए ‘लुक आउट‘ नोटिस जारी किया था।
यास्मीन के खिलाफ केरल पुलिस द्वारा जून 2016 में ही ‘लुक आउट‘ नोटिस जारी किया गया था लेकिन इसकी भनक बिहार पुलिस को नहीं थी। अन्यथा यास्मीन को बिहार में ही गिरफ्तार कर लिया गया होता।
बिहार में यास्मीन की गिरफ्तारी नहीं होने के संदर्भ में पटना एसएसपी मनु महराज का कहना था कि पटना पुलिस के पास यास्मीन के ‘लुकआउट‘ नोटिस को संबंधित राज्यों के गृह सचिव और डीजीपी को उपलब्ध कराया जाता है।
उसके बाद राज्य के सभी थानों को इस नोटिस से अवगत कराया जाता है। जबकि यास्मीन इसी का लाभ उठाते हुए अपने बेटे का पासपोर्ट मुरौल के पते पर जारी करा लिया और काबुल के रास्ते सीरिया जाने की पूरी तैयारी कर चुकी थी।