बॉलीवुड में ये सीक्वल का दौर है और सीक्वल बनाने में सबसे बड़ी चुनौती ये होती है कि इसे हमेशा पहली वाली फिल्म से कंपेयर किया जाता है। इस आधार पर सुभाष कपूर की फिल्म जॉली एलएलबी की सीक्वल किसी मामले में पहली फिल्म से कम नहीं है, बल्कि कह सकते हैं कि काफी मामलों में ये पहली फिल्म पर भारी पड़ती है। अक्षय कुमार की मौजूदगी, अच्छी पटकथा ने इस फिल्म को बेहतर बना दिया।
कथासार
लखनऊ का रहने वाला जगदीश्वर मिश्रा (अक्षय कुमार) वकील है। अपनी पत्नी पुष्पा (हुमा कुरैशी) और बच्चे के साथ रहता है। उसे भले ही वकील के तौर पर बड़ी कामयाबी न मिली हो, लेकिन वो अपने खुशमिजाज स्वाभाव से हर किसी का दिल जीत लेता है। कहानी में मोड़ उस वक्त आता है, जब हिना (सयानी गुप्ता) का केस जज (सौरभ शुक्ला) की अदालत में आता है।
इस केस में जगदीश का सामना तेजतर्रार वकील प्रमोद माथुर (अनु कपूर) से होता है और जैसे-जैसे ये केस आगे बढ़ता है, वैसे-वैसे न की ये जंग दिलचस्प बनती चली जाती है। इससे ज्यादा केस और फिल्म की कहानी के बारे में और ज्यादा बताना ठीक नहीं होगा। चूंकि जॉली एलएलबी की पहली कड़ी में भी एक केस लड़ा गया था। इस बार भी एक केस लड़ा गया। इसलिए जॉली की सीक्वल की कहानी को समझना बिल्कुल मुश्किल नहीं है।
इस बार भी हल्के-फुल्के मसालों के साथ कानून की गंभीर खामियों को कहानी के साथ जोड़ने की कोशिश की गई है, जो आम दर्शकों की हमदर्दी पाने लायक हैंं। फिल्म का पहला हाफ ज्यादा मनोरंजक है। दूसरे हाफ में कहानी कमजोर भी होती है और रफ्तार भी कम होती है। फिर भी अच्छी बात ये है कि दिलचस्पी बनी रहती है। क्लाइमैक्स वैसा ही है, जैसा कि उम्मीद की जा रही थी।
कलाकारों का अभिनय
अक्षय कुमार इस फिल्म के हीरो हैं और पूरी फिल्म उनके कंधे पर है। पहली बार उन्होंने वकील का किरदार निभाया और इसमें पूरी तरह से रम गए। साथ ही उन्होंने अपने एक्शन के करतब भी दिखाए, ताकि पता चले कि ये अक्षय कुमार की फिल्म है। जगदीश के किरदार को अक्षय ने अपने अंदाज में दिलचस्प बना दिया।
हुमा के पास बहुत कुछ करने के लिए नहीं था, लेकिन जो भी उनको मिला, उसे हुमा ने ईमानदारी और मजेदार तरीके से जिया। ग्लैमर के मामले में वे तो कभी कम होती ही नहीं। अक्षय के बाद अगर फिल्म में सबसे ज्यादा तालियां दो किरदारों को लेकर बजती हैं। जज के रोल को सौरभ शुक्ला ने एक बार फिर शानदार बना दिया। वे अपनी सहजता से छा जाते हैं।
प्रमोद माथुर के रोल में अनु कपूर ने एक बार फिर साबित किया है कि उनको दिग्गज कलाकारों की लिस्ट में जगह क्यों मिलती है। सहायक भूमिकाओं में इमामुल हक, कुमुद मिश्रा, मानव कौल और सयानी गुप्ता ने अच्छा योगदान दिया। निर्देशन सुभाष कपूर ने पहली वाली जॉली के मुकाबले इस बार कम मेहनत नहीं की।
अक्षय को अलग तरीके से पेश करने में उनकी सोच प्रभावशाली रही। वे कानून की कमजोरियों को भी जोरदार तरीके से सामने लाने में भी काफी हद तक सफल रहे। उनके निर्देशन का कमजोर पक्ष ये है कि वे कई स्थानों पर कमर्शियल मसालों में उलझ गए, जिसकी जरूरत नहीं थी और ये मसाले इस फिल्म को कमजोर बनाने का काम करते हैं।
गीत-संगीत
ये फिल्म का एक और कमजोर पक्ष है। फिल्म में गानों की कमी नहीं। संगीतकारों से लेकर गायकों की लंबी चौड़ी लाइन है, लेकिन एक भी गाना ऐसा नहीं है, जो सिनेमाघर से बाहर आकर याद रह सके। होली गाने को सबसे बेहतर कहा जा सकता है।
तकनीकी पक्ष
तकनीकी पक्षों की बात करें, तो दूसरे हाफ में एडीटिंग कमजोर पड़ जाती है। कैमरावर्क शानदार है। खास तौर पर लखनऊ को बेहद खूबसूरती से दिखाया गया है। फिल्म का एक्शन भी काबिले तारीफ है। फिल्म की सबसे बड़ी खूबी अक्षय कुमार, सौरभ शुक्ला और अनु कपूर की अदाकारी, जबरदस्त कोर्ट सीन।
फिल्म की कमजोरी
कई मसाले, कमजोर संगीत और कमजोर सेकेंड हाफ।
बॉक्स-ऑफिस
फिल्म का बजट 90 करोड़ बताया गया है। अक्षय कुमार की मार्केट और पिछले साल की कामयाबी को देखते हुए इस लागत को वसूल करने में दिक्कत नहीं होगी। 3200 स्क्रीनिंग के साथ ये फिल्म पहले वीकेंड में 40 करोड़ के आसपास का कारोबार कर सकती हैं। एक सप्ताह में लागत के बाद फिल्म के सौ करोड़ के कल्ब में पहुंचने की भी संभावना है। एक नजर में ये फिल्म अक्षय कुमार के फैंस के लिए गिफ्ट है। मसालों की कमी नहीं, कोर्ट रूम ड्रामा दर्शकों को बांधने का काम करता है। बॉक्स ऑफिस पर ये केस दर्शकों को जीत का एहसास कराएगा।
रेटिंग- 3.5 स्टार प्रमुख
कलाकार- अक्षय कुमार, हुमा कुरैशी, सौरभ शुक्ला, अनु कपूर, इमामुल हक, कुमुद मिश्रा, मानव कौल, सयानी गुप्ता
प्रस्तुतकर्ता- स्टार फॉक्स निर्माता-निर्देशक-लेखक- सुभाष कपूर
कैमरामैन- कमलजीत नेगी डांस
डायरेक्टर- गणेश आचार्य, बोस्को, राजू खान, सीजर गोंसाल्विस
आर्ट डायरेक्टर- गौतम सेन एक्शन डायरेक्टर- परवेज शेख एडीटर- शेखर प्रजापति
साउंड डिजाइनर- दारा सिंह
गीतकार- रफ्तार, मांझ मुशिक, जुनैद वसी, शब्बीर अहमद
संगीतकार- मीत ब्रदर्स, मंज मुशिक, चिंतन भट्ट, विशाल खुराना गायक- सुखविंदर सिंह, नीति मोहन, रफ्तार, जुबिन नौटियाल