
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सूरत। वलसाड़ पुलिस की शर्मनाक करतूत इन दिनों सुर्खियों में छाई हुई है। करीब 6 साल पहले वलसाड के एक वीकली न्यज पेपर के एडिटर की हत्या के मामले में पकड़े गए आरोपियों की पुलिस ने जमकर आवभगत की। पुलिस रिमांड पूरा होने पर कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में नवसारी जेल भेजने का आदेश किया था।
जेल ले जाए जाने के पहले पुलिस ने आरोपियों की तमन्नाएं पूरी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आरोपियों को नवसारी सबजेल में पहुंचाने से पूर्व हाई-वे पर एक वातानुकूलित रेस्त्रां में बैठक पुलिस ने भी आरोपियों के साथ छककर भोजन किया। रंग में भंग तब पड़ गया जब मौके पर मीडियाकर्मी पहुंच गए। मीडिया कर्मियों को देखते ही वलसाड पुलिस के जवान व आरोपी मुंह छुपाकर खाना अधूरा छोड़ होटल से निकल गए।
मालूम हो कि वलसाड के एक साप्ताहिक पत्र के संपादक अशोक शाह की 31 मार्च 2009 को डुंगरी ओवरब्रिज पर उनकी कार में गोलीमारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पकड़े गए आारोपियों को पुलिस ने पहले ९ दिन और फिर ४ अतिरिक्त दिन के लिए रिमांड पर लिया था।
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13 दिन के रिमांड के बाद न्यायालय ने चारों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जिसके बाद उन्हें नवसारी जेल को सौंप दिया गया। न्यायकि अभिरक्षा के लिए आरोपियों को नवसारी जेल ले जाते समय पुलिस जवानों ने उनके साथ दावत का लुत्फ उठाया।
वलसाड से सीधे पुलिस जीप राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-8 से होते हुए एक घंटे बाद नवसारी के ग्रीड पहुंची। ग्रीड चौराहे से नवसारी में प्रवेश करने के बजाय पुलिस जीप एक किलोमीटर दूर हाई-वे स्थित वातानुकूलित होटल में पहुंची। पुलिस जीप के साथ आरोपियों के दोस्त व परिजनों की कारें भी थी।
इस बीच सूचना मिलने पर अचानक मीडियाकर्मी वहां पहुंच गए। कैमरा देख पुलिस के होश उड़ गए। पहले तो होटलकर्मी व पुलिस ने कैमरे बंद करने को कहा, फिर दावत-अधूरी छोड़ पुलिस जवानों ने आरोपियों को लेकर निकलने में ही भलाई समझी। मुंह छुपाते आरोपी व पुलिसकर्मी वहां से निकले और सीधे नवसारी सबजेल पहुंच गए।
आरोपियों के प्रति पुलिस की ‘संवेदनशीलता’ का आलम यह था कि आरोपियों को हथकडिय़ां भी नहीं पहनाई गई थीं और वे होटल में खुले घूम रहे थे। पुलिस की यह लापरवाही उन्हें फरार होने का मौका भी दे रही थी।
अशोक शाह की 31 मार्च 2009 को हत्या के बाद परिजनों की मांग पर सीआईडी जांच शुरू हुई थी। सीआईडी पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट से नौ दिन के रिमांड पर लिया था। गुरुवार को उन्हें फिर कोर्ट में पेश कर चार दिन का अतिरिक्त रिमांड लिया था।
यह रिमांड सोमवार को पूरा होने पर चारों आरोपियों वलसाड के चणवई निवासी तीन भाइयों इजहार काजी, वासीम काजी और सहमुद्दीन काजी और एक स्थानीय चैनल के प्रबंध निदेशक अब्दुल कादिर खान को कोर्ट में पेश किया गया। गौरतलब है कि शाह के परिजनों ने राज्य के कानून मंत्री और न्यायालय से मामले की सुनवाई वलसाड से बाहर अन्य जिला न्यायालय में करने की मांग की है।
अभी सामने आएंगे और नाम
सीआईडी क्राइम ब्रांच के मुताबिक पुलिस रिमांड के दौरान आरोपियों से पूछताछ में कई बातें सामने आई हैं। जिसके बाद कुछ और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। सीआईडी के मुताबिक, वांछित लोगों में चणवई का एक व्यक्ति भी शामिल है जो वापी के बड़े उद्योगपतियों में से एक है। सभी लोग अभी फरार हैंं और पुलिस उनके पीछे लगी है। गिरफ्तारी के बाद ही अन्य नामों का खुलासा होगा।