मुंबई। औरंगाबाद हथियार बरामदगी मामले में अबु जुंदाल समेत 11 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। इस मामले में 10 आरोपियों को बरी कर दिया।
मालूम हो कि अबू जुंदाल ने 26/11 के मुंबई हमले में जिम्मेदार दस फिदायीन आतंकवादियों को हिंदी सिखाई थी। उसे तीन साल पहले भारत डिपोर्ट किया गया।
अबू जुंदाल पर चल रहे औरंगाबाद आर्म्स केस का फैसला गुरुवार को कोर्ट ने सुनाया। इस केस में जुंदाल के अलावा 19 और आरोपी थे।
इन आरोपियों में फिरोज देशख भी शामिल है, जो विवादास्पद धार्मिक गुरु जाकिर नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) का कर्मचारी था। आईआरएफ का दूसरा कर्मचारी अर्शीद कुरैशी पिछले सप्ताह आईएस लिंक और धर्म परिवर्तन के केस में नवी मुंबई में पकड़ा गया था।
मालूम हो कि बीते 8 मई 2006 को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में चंदवाड़-मनमाड़ हाईवे पर एंटी टेररिज्म स्कॉवड ने एक टाटा सूमो और इंडिया कार को रोका। तलाशी के दौरान उसमें 30 किलो आरडीएक्स,10 एके-47 रायफलें और 3,200 कारतूस बरामद हुए। मामले में 3 आरोपी पकड़े गए।
आरोप लगा था कि जबी नाम का जो व्यक्ति गाड़ी चला रहा था, वह ही अबू जुंदाल है, जबकि जबी के वकील का दावा है कि जांच अधिकारियों के पास इसे साबित करने के लिए पूरे सबूत नहीं हैं।
सरकारी पक्ष का कहना है कि जबी कोई और नहीं 26/11 का हैंडलर अबू जुंदाल है, जो उस वक्त पुलिस को चकमा देकर बांग्लादेश के रास्ते भाग निकला और बाद में पाकिस्तान पहुंच गया।