मुंबई। भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में दिसंबर 2002 से लेकर मार्च 2003 के बीच हुए कई विस्फोटों के मामले में दोषी साबित 10 लोगों में से तीन लोगों को विशेष न्यायालय ने बुधवार को उम्रकैद की सजा सुनाई । प्रमुख आरोपी साकिब नाचान को 10 साल कैद की सजा सुनाई गई है । इन विस्फोटों में 13 लोग मारे गए थे ।
जानकारी के अनुसार विशेष पोटा न्यायाधीश पीआर. देशमुख ने कहा कि दोषी मुजम्मिल अंसारी (जिसने बम रखे थे) अंतिम सांस तक जेल में रहेगा । उम्रकैद की सजा पाने वाले दो अन्य लोग फरहान खोत और डॉ. वहीद अंसारी हैं । छह अन्य को दो से 10 साल तक कैद की सजा सुनाई गई है ।
विशेष अदालत ने आदेश दिया कि जुर्माने (नौ लाख रूपये) की 75 प्रतिशत राशि (दोषियों से प्राप्त) जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को जाएगी, जबकि शेष राशि भारतीय रेलवे को जाएगी। अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) को भी निर्देश दिया कि वह पीड़ितों और आश्रितों को दिए जाने वाले मुआवजे की मात्रा तथा तदनुसार इसका भुगतान करने का फैसला करे । कल अदालत ने विस्फोटों में दोषी साबित 10 लोगों को सजा की मात्रा का फैसला आज तक के लिए सुरक्षित रख लिया था ।
उल्लेखनीय है कि गत 29 मार्च को अदालत ने साकिब नाचान, अतीफ मुल्ला, हासिब मुल्ला, गुलाम कोताल, मोहम्मद कमील, नूर मलिक, अनवर अली खान, फरहान खोत, डॉ. वहीद अंसारी और मुजम्मिल अंसारी को मामले में दोषी ठहराया था । तेरह मार्च 2003 को मुलुंड ट्रेन विस्फोटों में 12 लोग मारे गए थे । छह दिसंबर 2002 को मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर मैक्डोनाल्ड में हुए एक विस्फोट में कई लोग घायल हो गए थे ।
इसी तरह 27 जनवरी 2003 को विले पार्ले रूपूवीर्रू में एक बाजार में हुए एक विस्फोट में एक व्यक्ति मारा गया था । सजा पर दलीलों के दौरान विशेष लोक अभियोजक रोहिणी सालियान ने मुजम्मिल असांरी के लिए मृत्युदंड की मांग की थी । उन्होंने साकिब नाचान, गुलाम खोटाल, फरहान खोत और डॉ. वाहिद अंसारी को उम्रकैद की सजा देने का आग्रह किया था ।