भरतपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रविवार सुबह राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के जिला कनिष्ठ अभियंता को 30 हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकडा गया। आरोपित ने रिश्वत के लिए ठेकेदार को अपने घर पर ही बुलाया था। जहां एसीबी की टीम पहले से मौजूद थी।
रिश्वत राशि निर्माण कार्य के बिल स्वीकृत करने के एवज में मांगी गई थी। आरोपित ने इससे पहले ठेकेदार से 40 हजार रूपए का एक चैक भी ले रखा था, लेकिन बाद में उसने नकद राशि की मांग की।
एसीबी के पुलिस उपाधीक्षक अजय सिंह शेखावत ने बताया कि परिवादी महिपाल सिंह निवासी संजय नगर कॉलोनी का रहने वाला है। तथा छोटे निमार्ण कार्य करता है। उसने नदबई ब्लॉक में रमसा के अंतर्गत गादौली विद्यालय में एक शौचालय का निर्माण कराया था, जिस पर 1.89 लाख रूपये का खर्चा आया था।
निर्माण के बाद उसने भुगतान के लिए बिल विद्यालय प्रबंधन समिति को सौप दिए, जिन्होने निर्माण कार्य की गुणवत्ता जांच के लिए जिला जेईएन राजवीर सिंह को भेज दिया। परिवादी ने बताया कि जेईएन गत वर्ष से उसका भुगतान अटका रहा था, बाद में उसने बिल पास करने की एवज में 40 हजार मांगे।
उसने इतनी राशि होने से मना कर दिया। उसके बाद जेइएन ने उसे चेक देने के लिए कहा, जिस पर परिवादी ने एक 40 हजार का चैक सौंप दिया। उसके बाद भी बिल अटका रहा। कुछ दिन पहले उसने चैक नही बल्कि नगद भुगतान की मांग, जिस पर 35 हजार रूपए की मांग की। अंत में सौदा 30 हजार में हो गया।
इस बीच परिवादी ने मामले की एसीबी में लिखित में शिकायत की। एबीसी ने सत्यापन में मामला सही पाया। जेईएन ने ठेकेदार को राशि लेकर रविवार को घर आने को कहा।
एसीबी ने योजना के अनुसार परिवादी महिपाल को सुबह 9 बजे जेईएन के जवाहर नगर कॉलोनी स्थित घर भेजा, जहॉ पर जेईएन के जवाहर नगर कॉलोनी घर भेजा, जहॉ पर जेईएन राजवीर ने 30 हजार रूपए लेकर टी-शर्ट की जेब में रख लिए। इस बीच एसीबी ने उसे रंग हाथ धरदबोचा, रिश्वत राशि उसकी जेब से बरामद की।