मुंबई। विशेष महिला अदालत ने रेप के कथित आरोपी वकील की जमानत याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को स्थगित कर दी। कोर्ट को सरकारी वकील ने बताया कि आरोपी जमानत पर छूटने के बाद जांच को प्रभावित कर सकता है इसलिए आरोपी को जमानत नहीं दी जाए।
पीडिता कनिष्ठ महिला वकील के एडवोकेट ने कोर्ट में कहा कि आरोपी ने पीडिता को काम के बहाने उसे अपने साथ ले गया। महिला वकील पहली बार उसके साथ बाहर जा रही थी इसलिए उसने महिला से कहा था कि उसे रहने के लिए अलग से कमरा दिया जाएगा लेकिन जब वह कार्यस्थल पर पहुंच गए तो महिला को बताया गया कि उसे अन्य लोगों के साथ कमरे में रहना होगा।
आरोपी ने मौका पाकर महिला से शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहा लेकिन महिला के नहीं करने पर उसने उसके साथ बलात्कार किया। पीडिता के वकील ने कहा कि पीडिता झारखंड की रहने वाली है और उसे नौकरी की जरूरत थी जिसके कारण वह आरोपी के यहां काम कर रही थी। वकील ने अदालत को बताया कि इस मामले को किसी अन्य पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया जाए ताकि आरोपी मामले को प्रभावित न कर सके।
आरोपी का कार्यालय पश्चिमी उपनगर अंधेरी के औद्योगिक क्षेत्र में है इसलिए मामले को अन्य पुलिस स्टेशन में भेजने की मांग की गई। बचाव पक्ष के वकील अशोक सरोगी ने अदालत को बताया कि हम पूर्ण तहकीकात के पक्षधर हैं जिससे सच्चाई बाहर आए लेकिन इसका जमानत से कोई लेना देना नहीं है और इस कारण से आरोपी को जेल में नहीं रखा जा सकता।
उन्होंने अदालत को बताया कि शिकायतकर्ता एक वकील है और वह अपने अधिकार को अच्छी तरह समझती हैं। यदि पीडिता के साथ पहले दौरे पर बलात्कार हुआ था तो उसने दोबारा साथ में जाने के लिए क्यों तैयार हो गई। इसके अलावा उसने इस बात को पहले क्यों नहीं पुलिस को बताया। जमानत याचिका पर 21 जनवरी को आदेश दिए जाने की संभावना है।