गुना। जिले के सांसद ज्योतिरादित्या सिंधिया और उनका काफिला एक घायल युवक को तड़ता हुआ देख उपेक्षा करते हुए गुजर गया। किसी भी व्यक्ति ने घायल युवक को अस्पताल पहुंचाने या एंबुलेंस बुलाने की जहमत नहीं की।
बाद में पास के कुछ लोगों की मदद से युवक को अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, डॉ द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया।
हाल ही में सांसद सिंधिया लोकसभा में नोटबंदी के दौरान लाइन में लगे लागों की मौत का हिसाब मांग रहे थे और अपने ही सामने एक युवक को तड़पता देख उनका गुजर जाना बहुत से सवाल खड़े करता है। जिले के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंधिया शिवपुरी से गुना आ रहे थे।
इसी बीच उनका काफिला भदौरा के आसपास पहुंचा था, कि उससे पहले नेतलपुर गांव में रहने वाले एक युवक सूरज अहिरवार को हाईवे पार करते समय बस ने कुचल दिया था। घटना के कुद मिनट बाद ही सिंधिया का काफिला वहां से गुजरा था।
मौजूदा लोगों ने बताया कि अगर वक्त रहते सिंधिया उनके काफिले से कोई गाड़ी पर युवक को अस्पताल पहुंचा देते तो शायद उसकी जान बच सकती थी। लोकसभा की कार्रवाई के दौरान सिंधिया ने पीएम और भाजपा से नोटबंदी के दौरन लोगों को हुई परेशानियों और चंबल क्षेत्र में हुई मौतों का हिसाब मांग रहे थे।
उनका लोकसभा में उस भाषण का वीडियो भी खूब वायरल हुआ था। जिसमें वह काफी संवेदशील होकर सवाल कर रह थे। लेकिन इस हादसे में उनकी संवेदनशीलता नहीं दिखी।
जो इस बात की ओर इशारा करती है क्या संसद भवन के अंदर नेताओं की संवेदनाएं जनता का दुख बयान करते वक्त झूठी होती हैं।