नई दिल्ली। प्रमुख फिल्म निर्देशक एवं अभिनेता काशीनाथुनि विश्वनाथ को यहां बुधवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रतिष्ठित दादासाहेब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया। सिनेमा के क्षेत्र में यह देश का सबसे बड़ा पुरस्कार है।
यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा की वृद्धि एवं विकास में विशिष्ट योगदान के लिए सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है।
के. विश्वनाथ (87) ने यहां विज्ञान भवन में आयोजित पुरस्कार समारोह में हिस्सा लिया और एक स्वर्ण कमल, 10 लाख रुपए नकद पुरस्कार और एक शाल स्वीकार किया।
कई बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके विश्वनाथ ने यह सम्मान प्राप्त करने के बाद कहा कि मैं प्रतिष्ठित दादासाहेब फाल्के पुरस्कार प्राप्त कर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं ईश्वर और निर्णायकों को धन्यवाद देना चाहूंगा।
विश्वनाथ ने 50 फिल्मों का निर्देशन किया है, जो अपने जोरदार विषयवस्तु, अच्छी कहानी, अच्छी बनावट और सांस्कृतिक प्रामाणिकता के लिए जानी जाती हैं। उनकी कुछ हिंदी फिल्मों में सरगम, कामचोर, संजोग, जाग उठा इंसान और ईश्वर शामिल हैं।
गुडिवडा (आंध्र प्रदेश) में फरवरी 1930 में पैदा हुए विश्वनाथ को पांच बार राष्ट्रीय पुरस्कार, 20 नंदी पुरस्कार (आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा दिया जाने वाला), और 10 फिल्मफेयर पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्हें 1987 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है।
राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुकी उनकी फिल्म स्वाति मुटायम 1987 में सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म की श्रेणी में अकादमी पुरस्कार के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि थी।