नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को राष्ट्रद्रोह मामले में गिरफ्तार जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की जमानत रद्द करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। उच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद कन्हैया की जमानत अब बरकरार रहेगी।
उच्च न्यायालय ने इससे पहले मंगलवार को कन्हैया की जमानत रद्द करने की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। देश विरोधी बयान देने के मामले में कन्हैया को मिली जमानत के बाद प्रशांत कुमार उमराव व विनीत जिंदल द्वारा दर्ज दो अलग-अलग याचिकाएं दर्ज की थीं।
पिछली सुनवाई में उच्च न्यायालय में दिल्ली सरकार के वकील ने मामले पर सरकार का पक्ष रखते हुए कहा था कि वह कन्हैया की जमानत खारिज करने के पक्ष में नहीं हैं। वहीं दिल्ली पुलिस ने अपने एफिडेविट में न्यायालस से कहा कि कन्हैया जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर रहा है।
इसके बाद न्यायालय ने दिल्ली पुलिस के रूख पर कडी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पुलिस स्पष्ट करे कि वह कन्हैया की जमानत रद्द करना चाहती है या नहीं।
न्यायालय ने कहा कि हम पिछली 3 तारीखों से लगातार पूछ रहे हैं कि क्या पुलिस कन्हैया की जमानत खारिज करने के पक्ष में है या नहीं। आप न्यायालय को साफ-साफ को क्यों नहीं बता पा रहे हैं। आपका जवाब गोल गोल क्यों है। आपने सिस्टम का मजाक बना कर रख दिया है।
न्यायालय ने कहा कि आप कह रहे हैं कि कन्हैया ने भड़काऊ भाषण दिए हैं। फिर आप कह रहे हैं कि न्यायालय तय करे कि जमानत खारिज होनी चाहिए या नहीं। न्यायालय को जो करना है वो करेगा, लेकिन पुलिस अपना पक्ष क्यों साफ-साफ नहीं बता पा रही है।