कानपुर। बिधनू थाना अंतर्गत कुदौली गांव में एक छात्रा ने 10 साल के बच्चे के साथ रेप का प्रयास किया। जब बच्चा शोर करने लगा तो गुस्साई छात्रा ने अपने दातों से उसके गुप्तांग को काट लिया।
बच्चे के प्राईवेट पार्ट से ब्लीडिंग शुरू हो गई, यह देख छात्रा बच्चे को छोड़कर भाग गई। बच्चा खून से लथपथ अपने घर पहुंचा और घटना के बारे में परिजनों को बताया।
परिजन आनन-फानन में उसे लेकर एक प्राईवेट हाॅस्पिटल में पहुंचे, जहां बच्चे की हालत गंभीर होने पर डाॅक्टरों ने उसे हैलट रेफर कर दिया।
फिल्मों में दिखाई जाने वाली अश्लीलता कहे या छात्रा का बिगड़ा मानसिक संतुलन। कुछ भी हो बच्चे के साथ रेप का प्रयास करने की घटना से पूरा गांव स्तब्ध है।
कुदौली गांव निवासी किसान रामपाल (काल्पनिक नाम) ने बताया कि शनिवार की शाम बच्चा घर के बाहर खेल रहा था। इसी बीच पड़ोस में रहने वाली कक्षा 12 वीं की छात्रा आकर उसके साथ खेलने लगी।
छात्रा ने बच्चे को टाॅफी के बहाने बहला फुसलाकर अपने खेत में ले गई। जहां पर छात्रा ने पहले बच्चे के बदन से सारे कपड़े उतार दिए और उसे खेत पर लिटा कर रेप करने लगी।
बच्चे ने जब विरोध किया तो उसे जमकर पीटा और अपने दातों से गुप्तांग को काट लिया। पिता के मुताबिक बेटे के गुप्तांग कर 10 टांके डाॅक्टरों ने लगाए हैं।
पिता ने बताया कि अधिक ब्लीडिंग के चलते बच्चा देररात से बेहोश है। हैलट में बच्चे का का इलाज चल रहा, जहां उसकी हालात अभी भी नाजुक बनी हुई है।
बेटे पर पहले से थी छात्रा की नजर
पीड़ित बच्चे की मां ने बताया कि छात्रा अक्सर घर आ जाया करती थी और बेटे के सथ बैठकर खेला करती थी। मां ने बताया कि मेरे बेटे ने छात्रा की हरकतों के बारे में कईबार बताया, लेकिन मैने उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया।
शनिवार को जब छात्रा घर में आई थी तो वह उसका हाथ पकड़कर पहले घर के अंदर लेकर आई थी। जहां पर छात्रा ने बच्चे को दुकान ले जाने के लिए मुझसे कहा था। मैं उसकी बातों पर आ गई और अपने इकलौते बेटे को उसके साथ भेज दिया और उसने मेरे मासूम बेटे को आज अस्पताल में पहुंचा दिया है।
वहीं मामले पर बिधनू इंस्पेक्टर जीवाराम यादव ने बताया कि घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर गई थी। परिजनों ने तहरीर दी है। पीड़ित बच्चे के बयान लेने के बाद पुलिस मामला दर्ज कर आरोपी छात्रा को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।
फिल्में बिगाड़ रही मानसिक संतुलन
सामाजिक कार्यकर्ता अनीता दुआ का कहना है कि ऐसी घटना मानसिक संतुलन बिगड़ने की ओर संकेत कर रही है। उन्होंने कहा कि बच्चे के साथ जो हुआ वह निंदनीय है। फिल्मों व सोशल मीडिया में दिखाए जाने वाली अश्लीलता से युवक ही नहीं युवतियां भी इसका शिकार हो रही है।
जिससे इस प्रकार की घटना सामने आ रही है। सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र खरे ने कहा कि परिजनों को चाहिए कि बच्चों को फिल्मों व सोशल मीडिया से दूर रखें।
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