कानपुर। कानपुर जिला पंचायत अध्यक्ष के बाद क्षेत्र पंचायत प्रमुख में भी सत्ताधारी पार्टी सपा ने आधे से अधिक सीटों पर जीत का परचम लहराया। बसपा कुछ सीटों पर लड़ाई में दिखी और दो सीटें हथियाने में सफल रही। सपा के दो बागियों ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान मार लिया। वहीं भाजपा व कांग्रेस पार्टी खाता भी नहीं खोल सकी।
कानपुर नगर के 10 ब्लाक प्रमुख सीटों पर आठ सीटों पर रविवार हुए मतदान के बाद आधी सीटों पर सत्ताधारी पार्टी ने जीत दर्ज की। बिठूर से सपा विधायक मुनीन्द्र शुक्ला चैबेपुर सीट पर अपने रिश्तेदार अनुभव शुक्ला को निर्विरोध तो नहीं बनवा सके। लेकिन चुनाव में 70 में से 63 मत पाकर भारी जीत दर्ज की।
इसी तरह सरसौल में सपा के रणधीर यादव उर्फ साधू ने 94 मतो में 62, भीतरगांव में सपा की रानी सचान 89 में 56, बिल्हौर में सपा के अनिल कटियार 86 में 73 मत पाकर जीत का परचम लहराया।
दो सीटों पर नहीं हुआ चुनाव
कल्याणपुर व शिवराजपुर सीटों पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के खिलाफ किसी ने भी पर्चा नहीं भरा था। जिसके चलते इन दोनों सीटों पर सपा ने पहले निर्विरोध जीत दर्ज कर ली थी। दोनो सीटों पर क्रमशः अजय यादव व राजेश कुमार को विजेता घोषित किया गया।
दो बागी महिलाएं सपा पर पड़ी भारी
सत्ताधारी पार्टी से टिकट न मिलने के चलते दो प्रत्याशियों ने पार्टी से बगावत कर पार्टी प्रत्याशियों को चित कर दिया। पतारा से मीना संखवार व घाटमपुर से देविका सिंह ने क्रमशः 48, 54 मत पाकर जीत दर्ज की। हालांकि दोनों सीटों पर सपा के प्रत्याशियों ने कडी टक्कर दिया।
दो सीटों पर बसपा का कब्जा
आठ सीटों पर चुनाव में बसपा ने सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे लेकिन जीत दो ही सीट पर हो सकी। ककवन से पूर्व विधायक कमलेश दिवाकर की पत्नी निर्मला 32 मत पाकर एकतरफा जीत किया। वहीं बिधनू से शशि यादव कडी टक्कर देते हुए मात्र दो मतों से जीत दर्ज की।
भाजपा व कांग्रेस का नहीं खुला खाता
पंचायत चुनाव में दोनों राष्ट्रीय पार्टी भाजपा व कांग्रेस लगभग लड़ाई से बाहर रहीं। जिसके चलते ब्लाक प्रमुख चुनाव में दोनों पार्टियों का नामोनिशान नहीं रहा। भाजपा ने तो किसी प्रत्याशी को उतारने तक की जुर्रत नहीं समझी। कांग्रेस पांच सीटों पर प्रत्याशियों को उतारा था।