कानपुर। बीते दिनों बीएससी की छात्रा ने नवाबगंज के तत्कालीन थानेदार उदय प्रताप यादव पर शादी का झांसा देकर ढाई साल तक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। यहीं नहीं छात्रा ने कहां कि दारोगा ने अपनी पत्नी के साथ थाने में ही उससे जमकर मारपीट की। जिसके बाद महिला थाना पुलिस ने केस दर्ज कर छात्रा का मेडिकल कराया और कोर्ट में पेशी भी कराई।
कोर्ट ने युवती का 164 के तहत बयान दर्ज किया। छात्रा ने कोर्ट में अपना बयान बदल दिया हैं। उसके बयान बदलने पर जहां दरोगा उसके परिवार के लिए खुशी की बात है तो वहीं छात्रा द्वारा बयान बदलने पर नारी शक्ति के आचरण पर प्रशनचिन्ह लग दिया हैं।
क्या था मामला
सीसामऊ केपी रोड इलाके में रहने वाली बीएससी छात्रा ने 30 अप्रेल को अपने प्रेमी तत्कालीन एसओ नवाबगंज उदय प्रताप पर यह आरोप लगाते हुए थाने में जमकर हंगामा किया। यहां तक आरोप लगाया कि एसओ ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर अन्य पुलिसकर्मियों के सामने मारापीटा भी।
मामला हाईप्रोफाईल पहुंचने पर एसएसपी ने दरोगा को सस्पेंड कर दिया। पीडि़ता ने महिला थाने में दारोगा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। महिला थानेदार पूनम अवस्थी ने पीडि़ता के बयान दर्ज कर मेडिकल कराया और कोर्ट में पेश किया।
दोषी नहीं रिश्तेदार है, एसओ
शुक्रवार को कोर्ट में पेशी होने के बाद पीडि़ता का मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज हुआ। छात्रा ने अपना बयान बदला और मजिस्ट्रेट के सामने यह बताया कि दारोगा उसका करीबी है और उसे तीन सालों से जानती हैं। उनके साथ हमारे परिवार की रिश्तेदारी हैं।
उदय ने कोई मारपीट व गलत हरकत नहीं की हैं लोगों के बरगालाने के चलते उसने थानेदार पर रिपोर्ट दर्ज कराई है। छात्रा के इस बयान से जहां दारोगा व उसके परिवार में खुशी देखी जा रही है तो वहीं एक बार फिर पुलिस की जांच झूठी देखी गई।
नारी शब्द को किया बदनाम
छात्रा के बयान बदलने के बाद समाजसेवी महिलाओं ने पुलिस को नहीं बल्कि युवती को ही दोषी ठहराना शुरु कर दिया हैं। समाजसेवी अनिता दूआ का कहना है कि भारत देश में नारी को पूजा जाता है, अगर एक नारी ही नारी समाज पर आचरण उछालने का काम करेगी तो यह नारी जति के लिए छात्रा पूरी तरह कलंकित हैं।
होगी कार्रवाई
कोर्ट में युवती द्वारा बयान बदलने पर जहां पुलिस हैरान है तो वहीं कप्तान ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है। अगर छात्रा द्वारा पुलिस पर यह लगाए गए आरोप झूठे साबित होते हैं, तो उस पर भी झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने के खिलाफ सीआरपीसी 182 के तहत कार्रवाई की जाएगी, फिलहाल पुलिस द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर एसओ के खिलाफ विभागीय जांच की जा रही हैं।