कानपुर। जहां एक ओर स्वत्रंतता की आजादी में शहरवासी सराबोर थे, तो वहीं घाटमपुर गांव में अचानक पड़ी महामारी से हड़कम्प मच गया। इस घातक बीमारी से गांव में तीन लोगों की मौत जबकि 600 ग्रमीण बीमार हो गये।
जानकारी पर शहर के जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल की। उन्होनें मरीजों के दवाइयां बाटते हुए अधिक बीमार लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है।
घाटमपुर भीतरगांव के बौहारा गांव में पिछले दों दिन से मौसमी बुखार चल रहा था। जिसमें गांव के ही शिवबाबू व गोविन्द गुप्ता की मौत हो गई। देखते ही देखते ही यह बीमारीं पूरे गांव के 600 परिवार में महामारी की तरह फैल गई।
शनिवार की शाम करीब छह बजे इस महामारी से गांव में हड़कम्प मच गया। गांव में पड़ी इस जानलेवा बीमारी फैलने की जानकारी पर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची। डाक्टरों ने परिवार के अन्य लोगों कोएन्टीबायंटिक व वायर फीवर की दवा वितरण की।
वहीं उन्होंने गांव में अधिक बीमार पड़े ग्रामीणों को 102 एम्बुलेंस सेवा की मदद से घाटमपुर सीएचसी, कांशीराम, जिला अस्पताल उर्सला, हैलट के अस्पतालों में मरीजों के भर्ती कराया है।
उर्सला में इलाज के लिए आए मरीज महिला सर्वेशी देवी(40), रमाकान्ति(32), रामकिशोर (55), रुबा (10),समा(25),अमरीश (24),रामश्री (35) आदि ग्रामीण ने बताया कि यह बीमारी पैर के दर्द से शुरु होकर हल्की बुखार की हरारत आने के बाद सिर में भयंकर दर्द उठता हैं, जिसके बाद कुछ भी याद नहीं रहता है।
इस महामारी के बारे जब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बातचीत की गई जिस पर उन्होंने बताया कि अभी इस रोग के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है।
फिलहाल मरीजों के चेकअप करने के बाद ही सही जानकारी मिल सकेगी। वहीं विभिन्न अस्पतालों में गांव के लगभग छह सौ परिवार भर्ती है। इस बीमारी से गांव तथा स्वास्थ्य महकमें में हड़कम्प मचा दिया है।