कानपुर। पूरी जिंदगी की कमाई दे दी एक पिता ने अपनी बेटी की शादी में ताकी वो खुश रहे, पर उस बदनसीब बाप को क्या पता था कि उसकी लाडली का अंतिम संस्कार भी उसी के हाथों होगा।
ये दुःखद घटना बिधनू थाना क्षेत्र के दहेली गाँव निवासी बदन सिंह की छोटी बेटी निशा (27) के साथ देखने को मिली। दरअसल बदन सिंह की 3 लड़कियों में निशा सबसे छोटी लड़की थी। जिसकी शादी दहेली के पास स्थित कठारा गाँव निवासी जितेंद्र पाल सिंह के बड़ेे बेटे रामजी के साथ 15 दिसम्बर 2011 में हुई थी।
दोनों के दो साल का बेटा है। महिला का पति उसे दिल्ली के पलवल इलाके में दो माह पूर्व ले रहने के लिए ले गया था। जहां उसकी संदिग्ध परिस्तिथियों में दर्दनाक मौत हो गई। उसका पति उसे पलवल के जिला अस्पताल में लावारिस छोड़ फरार हो गया।
मृतका के भाई ने बताया कि शादी में उन्होंने दहेज की बड़ी रकम के साथ-साथ पूरा सामान दिया गया था। लेकिन शादी के कुछ दिन बाद से ही रामजी उसकी बहन के साथ मारपीट कर घर से पैसे लाने के लिए प्रताड़ित करता था।
उन्होंने बताया कि आए दिन बहनोई की प्रताड़ना को देखते हुए शादी के बाद भी तकरीबन 70 हजार रूपए बहनोई रामजी को दिए गए ताकि बहन को परेशानी से निजात मिल जाए। मृतका के भाई ने बताया कि बहनोई का भाई श्याम पलवल की शिव कालोनी में रहकर कैटरिंग का काम करते है।
होली के बाद बहनोई बहन को लेकर पलवल ले गया। उन्होंने बताया कि बहनोई दिल्ली के चांदनी चैक इलाके में काम करने लगा। छह मई को उसकी बहन की तबीयत खराब होने की सूचना उसको मिली।
जानकारी मिलने पर वो दिल्ली के पलवल के जिला अस्पताल में पहुँचे, जहां बहन का शव लावारिस अस्पताल में पड़ा हुआ था। काफी देर अपने बहनोई का इंतजार करने के बाद भी वहां कोई नहीं आया। तब उन्होंने मामले की सूचना पुलिस को दी।
पुलिस को उन्होंने अपने जीजा व उसके भाई के खिलाफ हत्या की तहरीर दी। कैम्प कालोनी थाना पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करते हुए अरोपी पति रामजी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि उसका भाई श्याम फरार हो गया।
मृतका की नाक व गले में चोट के निशान पाए गए है। दिल्ली पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव को भाई के सुपुर्द कर दिया। शुक्रवार सुबह जैसे ही भाई अपनी बहन का शव लेकर उसके ससुराल कठारा गाँव पहुँचा, तो वहां पहले से ताला लटका हुआ था।
पूछतांछ में ग्रामीणों ने बताया कि दो दिन से घर पर ताला पड़ा हुआ है। सास-ससुर की फरार होने की जानकारी पर मायके पक्ष हैरान रहे गए। ताला देख महिलाओं व मायके पक्ष का गुस्सा फूट पड़ा। कुछ महिलाओं ने तो घर पर्र इंट-पत्थर चलाना शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने किसी तरह से स्थिति को संभाला।
यहां से मायके वाले बेटी का शव अपने घर लेकर आए, जहां गांववालों की भीड़ जुट गई। अपने गांव की बेटी की दिल्ली में हत्या की जानकारी पर गमगीन हो गए।
सभी ने दुख की घड़ी पर परिजनों को ढांढस बधाया और पिता ने खुद ही बेटी के शव को मुखाग्नी देकर अंतिम संस्कार किया। यह देख पूरा गांव गम में डूब गया।