नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक अन्य खुलासा करते हुए आम आदमी पार्टी से निलंबित नेता कपिल मिश्रा ने शुक्रवार को केजरीवाल और हवाला लेनदेन में शामिल लोगों के बीच गठजोड़ का आरोप लगाया। इस आरोप का सत्तारूढ़ आप ने खंडन किया है।
केजरीवाल मंत्रिमंडल से निकाले गए मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने ऊपर लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच के लिए पद छोड़ दें।
मिश्रा ने मीडिया से कहा कि एक झूठा वीडियो केजरीवाल के द्वारा बीते रोज (गुरुवार) रीट्वीट किया गया, जिसमें दावा किया गया कि (दिल्ली के व्यापारी) मुकेश कुमार द्वारा आम आदमी पार्टी को 2014 में दो करोड़ रुपए की राशि चंदे में दी गई थी।
इन आरोपों का खंडन करते हुए आप के प्रवक्ता संजय सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी ने राजनीतिक चंदा स्वीकार करते समय सभी नियमों और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया है।
उन्होंने कहा कि सभी लेनदेन बैंक के जरिए किए गए और कोई नकद लेनदेन या गुप्त लेनदेन नहीं किया गया। उन्होंने आप नेताओं के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी द्वारा केंद्रीय जांच ब्यूरो, आयकर विभाग, प्र्वतन निदेशालय और पुलिस के इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
आप नेता ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने हम लोगों के खिलाफ जांच को लेकर सभी हदें पार कर दी हैं, यहां तक कि उन्होंने सोमनाथ भारती के कुत्ते तक को नहीं छोड़ा। सिंह ने कहा कि किसी भी आप नेता ने कोई गलती नहीं की है।
सिंह ने कहा कि यदि हमारे नेता किसी भी गलत काम में शामिल होते तो वे पुलिस से नहीं बच पाते। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने राजनीतिक चंदा स्वीकारने में सबसे अधिक पारदर्शिता बरतने के लिए पार्टी की तारीफ की थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और भाजपा ने राजनीतिक चंदा स्वीकार करते हुए पारदर्शिता का पालन नहीं किया।
इससे पहले अपने आरोपों को उजागर करते हुए कपिल मिश्रा ने कहा कि चार कंपनियों -स्काईलाइन मेटल एवं एलॉयज प्राइवेट लिमिटेड, गोल्डमाइन बिल्डकॉन प्रा. लिमिटेड, इंफोलाइन सॉफ्टवेयर सोल्यूशन लिमिटेड और सनविजन कंपनी से आप ने 2014 में दो करोड़ रुपए चंदा लिया था। इन कंपनियों का लेटरहेड दिखाते हुए मिश्रा ने कहा कि उनके पास अपने दावों को साबित करने के लिए साक्ष्य हैं।
मिश्रा ने आप के राष्ट्रीय संयोजक को ‘चुनौती’ दी कि वह आयकर विभाग से कहें कि उनकी पार्टी ने मुकेश कुमार से दो करोड़ रुपये चंदा लिया था।
उन्होंने मुकेश कुमार की पहचान को लेकर भी सवाल उठाया और कहा कि केजरीवाल द्वारा मुकेश कुमार को बलि का बकरा क्यों बनाया जा रहा है? केजरीवाल किसको बचाने का प्रयास कर रहे हैं?
मिश्रा ने आरोप लगाया कि मुकेश कुमार को दिल्ली नगर निगम चुनाव के पहले इन कंपनियों में से एक का सीईओ बनाया गया है, जबकि चंदा 2014 में दिया गया था।
केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर निशाना साधते हुए मिश्रा ने कहा कि मुकेश कुमार ने दिल्ली सरकार के वैट का भुगतान नहीं किया है और उनकी कंपनी को कई नोटिस भेजे गए। इसके बाद भी उनकी कंपनी को दिल्ली सरकार की निविदाएं दी गईं।
उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल व सिसोदिया भ्रष्टाचार की गतिविधियों से वाकिफ थे। उन्होंने मामले में केजरीवाल की चुप्पी पर सवाल उठाया।
मिश्रा ने हेम प्रकाश शर्मा नामक व्यक्ति का खुलासा किया, जिसके हस्ताक्षर दो लेटरहेड पर हैं और कहा कि वह (हेम) मुकेश कुमार के साथ कंपनियों स्काईलाइन मेटल एंड एलॉयज प्राइवेट लिमिटेड और गोल्डमाइन बिल्डकान प्राइवेट लिमिटेड के अतिरिक्त निदेशक हैं।
बर्खास्त मंत्री ने कहा कि हेम प्रकाश शर्मा इसके साथ वकील रोहित टंडन की एक कंपनी में भी निदेशक थे। रोहित टंडन को प्रवर्तन निदेशालय ने बीते साल दिसंबर में कालेधन को सफेद करने के मामले में गिरफ्तार किया था।
मिश्रा ने कहा कि यह केजरीवाल के खिलाफ हवाला का सबसे बड़ा सबूत है। मिश्रा ने कहा कि एक आदमी जिसने आप को दो करोड़ रुपए चंदा दिया, वह सीबीआई, ईडी और आईटी अधिकारियों द्वारा वांछित है। लेकिन, वह केजरीवाल के संपर्क में है।
मिश्रा ने कहा कि यही वजह थी कि केजरीवाल नोटबंदी के कदम के बाद क्यों ज्यादा शोर मचा रहे थे और सरकार के खिलाफ सड़क पर आ गए थे। यदि केजरीवाल के पास थोड़ी भी शर्म बची है तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए।
मिश्रा ने कहा कि उन्होंने ‘आप’ की बैलेंसशीट केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी ) के पास जमा की है, जिस पर केजरीवाल के हस्ताक्षर हैं। कपिल मिश्रा ने कहा कि उन्होंने रोहित टंडन का विवरण भी सीबीडीटी को दिया है।
उन्होंने केजरीवाल को ‘माफिया’ बताया और कहा कि उनके जीवन को खतरा है, उन पर हमला किया जा सकता है।