इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने कहा है कि वह हर मोर्चे पर जैसे को तैसा की नीति में विश्वास रखते हैं और उन्होंने दावा किया कि बांग्लादेश बनने में भारत की भूमिका के जवाब में करगिल युद्ध हुआ था।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1999 के करगिल युद्ध को पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ (71) के ही दिमाग की उपज माना जाता है। उन्होंने नौ वर्ष तक पाकिस्तान पर शासन किया। मुशर्रफ ने कहा कि भारत ने बांग्लादेश बनने में भूमिका निभाई थी और सियाचिन पर कब्जा करने का प्रयास किया था।
मुशर्रफ ने पाकिस्तानी मीडिया से अपने ताजा बयान में कहा कि उन्होंने ऐसे अभियान चलाए जिससे करगिल युद्ध हुआ। वर्ष 1999 में करगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना के प्रमुख रहे मुशर्रफ ने कहा कि मैंने सभी मोर्चों पर जैसे को तैसा की नीति पर भरोसा किया।
देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे मुशर्रफ ने कहा कि भारत के साथ दोस्ती केवल बराबर की शर्तों और दोनों देशों के एक दूसरे के सम्मान करने पर संभव है। उन्होंने कहा कि अगर भारत दोस्ती के लिए एक कदम बढ़ाएगा तो जवाब में पाकिस्तान दो कदम आगे बढ़ेगा।
मुशर्रफ ने कहा कि लोग सोचते हैं कि मैं भारत के साथ दोस्ती नहीं चाहता, ऐसा नहीं है। मेरे कार्यकाल में भारत के साथ रिश्ते अच्छे थे। हम कश्मीर, सरक्रीक और जल संधि से जुड़े बड़े मसलों को सुलझाने के करीब थे। उन्होंने कहा कि भारत के साथ दोस्ती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के दौरान भी संभव है।
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री रहते भी हमारे भारत के साथ अच्छे रिश्ते होने चाहिए लेकिन भारत के सामने झुककर या उनकी आक्रामकता स्वीकार करके नहीं। अगर वे आक्रामक कदम और छदम क्रियाकलाप जारी रखते हैं तो हम भी इसी तरह से जवाब दे सकते हैं।