वाराणसी। सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी आयु व सुख समृद्धि की कामना को लेकर बुधवार को पूरे दिन निर्जला करवा चौथ का व्रत रखा।
शाम को घर परिवार की महिलाओ या गांव कालोनी के महिलाओ के साथ विधि विधान से पूजन अर्चन कर करवा चौथ की कथा सुनी।
फिर चन्द्रोदय होने पर परम्परानुसार चलनी के ओट से देख व्रत का पारण पति या परिवार की बुजुर्ग महिला के हाथो पानी पीकर किया।
इसके पूर्व सुबह नित्य क्रिया स्नान ध्यान के बाद व्रत का संकल्प लेकर सोलह श्रृंगार रचाया, नये वस्त्र धारण कर पूरे दिन निर्जला व्रत रखा। इस दौरान परिवार के अनय सदस्यो ने भी उनका उत्साह बढ़ा सहयोग किया।
फिर शाम को विधि विधान से करवा पूजा कर कथा सुनी। फिर पति और बच्चों की लंबी आयु और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना मिट्टी की वेदी पर शिव-पार्वती और भगवान कार्तिकेय, चंद्रमा से की।
इसके बाद मिट्टी के पात्र में चावल, उड़द की दाल, सुहाग की सामग्री, जैसे- सिंदूर, चूडिय़ां, शीशा, कंघी, रिबन और रुपया रखकर व्रती महिलाओ ने अपनी सास के पांव छूकर उन्हें दिया।
गौरतलब हो कि इस बार का करवाचौथ का व्रत पूजन खास रहा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार 70 साल बाद करवाचौथ पर रोहिणी नक्षत्र और मंगल एक साथ रहे।
इससे यह व्रत अधिक मंगलकारी साबित होगा इसे लेकर भी व्रती महिलाओ में खासा उत्साह रहा।
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