श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर के त्राल कस्बे में मंत्री नईम अख्तर के काफिले पर गुरुवार को आतंकवादियों ने ग्रेनेड से हमला किया, जिसमें तीन नागरिक मारे गए और सुरक्षाकर्मियों सहित अन्य 30 लोग घायल हो गए।
मारे गए तीन नागरिकों में एक महिला थी, जबकि घायलों में 21 आम नागरिक, सात सीआरपीएफ जवान और दो स्थानीय पुलिसकर्मी थे। आतंकियों ने पुलवामा जिले में त्राल कस्बे के मुख्य बस स्टैंड के पास ग्रेनेड से हमला किया था।
हमले की खबर सुनकर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल एन.एन. वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सड़क और भवन मंत्री अख्तर से उनका हाल चाल पूछा।
राज्य पुलिस प्रमुख एस.पी. वैद ने पहले कहा था कि हमले का निशाना पीडीपी नेता व कैबिनेट मंत्री नईम अख्तर थे, लेकिन बाद में उन्होंने इससे इनकार किया।
पुलिस प्रमुख ने कहा कि सभी महत्वपूर्ण व्यक्ति आतंकवादियों का निशान थे और समाचार चैनल द्वारा गलत तरीके बताया गया कि उन्होंने कहा था कि मंत्री आतंकवादियों के निशाने पर थे।
आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने हमले की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया और आरोप लगाया कि यह हमला ‘भारतीय एजेंसियों’ द्वारा किया गया था, जिससे लोगों और हिजबुल के बीच के संबंध खराब हों।
जब घायलों को त्राल कस्बे के उप-जिला अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, तो लोगों के समूह ने अस्पताल के बाहर इकट्ठा होकर आरोप लगाया कि सुरक्षा बलों द्वारा जवाबी गोलीबारी में नागरिक घायल हुए हैं।
पुलिस और अख्तर ने स्पष्ट रूप से इस बात का खंडन किया कि हमले के बाद सुरक्षाबल ने गोलियां चलाईं।
पुलिस ने कहा कि सुरक्षाबलों द्वारा गोली नहीं चलाई गई। उन्होंने नागरिकों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए संयम से काम लिया। हां, चेतावनी के लिए हवा में गोलियां चलाई गई थीं, जिससे यह पता चल सके कि आतंकवादियों द्वारा अब और हमले नहीं किए जाएंगे।
अख्तर ने संवाददाताओं को बताया कि वह इस दर्द से कभी नहीं उबर पाएंगे, उन्हें इस दर्द के साथ ही रहना होगा, क्योंकि हमले में निर्दोष लोग मारे गए हैं।
अख्तर ने कहा कि यह न इस्लाम और न ही मानवता के अनुरूप है। कोई कैसे मुहर्रम के महीने के पहले दिन हमला कर सकता है, जब सभी मुस्लिम कर्बला में निर्दोषों के संहार पर शोक जता रहे हैं।