श्रीनगर। कुछ सैन्यकर्मियों ने जम्मू एवं कश्मीर के गांदेरबल जिले में एक जांच चौकी पर रुकने के लिए कहे जाने पर एक सहायक सब इंस्पेक्टर समेत आठ पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की। वे सादे परिधानों में थे।
जहां पुलिस ने शनिवार को कहा कि घटना में शामिल सैन्यकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है, वहीं सेना ने इसे ‘मामूली झगड़ा’ बताते हुए कहा है कि मामला सुलझा लिया गया है।
जवान अमरनाथ यात्रा पूरी करके लौट रहे थे, जब श्रीनगर से 62 किलोमीटर दूर गुंड इलाके में पुलिस चौकी पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें रुकने को कहा।
सूत्रों के मुताबिक गुस्साए जवानों ने आठ पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की और गुंड पुलिस स्टेशन में तोड़फोड़ भी की।
पुलिस ने बताया कि सादी वेशभूषा में आए सैन्यकर्मियों को इसलिए रुकने को कहा गया था, क्योंकि सुरक्षा कारणों से शाम सात बजे के बाद राजमार्ग पर तीर्थयात्रियों की आवाजाही निषेध है।
पुलिस ने कहा कि राज्य के पुलिस प्रमुख एस.पी. वैद ने कॉर्प्स कमांडर के समक्ष मामला उठाया है जो मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने घटना में कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता राजेश कालिया ने एक बयान में कहा कि शुक्रवार को सादी वेशभूषा में अमरनाथ यात्रा से लौट रहे कुछ सैन्यकर्मियों और गुंड के जम्मू एवं कश्मीर पुलिस के कर्मियों के बीच मामूली झगड़ा हुआ था।
कालिया ने कहा कि घटना में किसी को गंभीर चोट नहीं लगी। वरिष्ठ अधिकारियों की मध्यस्थता से मामला सुलझा लिया गया है। ऐसा फिर न हो, इसके लिए कदम उठाए गए हैं।
घायलों को अस्पताल में दाखिल कराया गया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मामले की जांच कराने की मांग की है।
उन्होंने ट्वीट किया कि सेना किसी पुलिस स्टेशन में जम्मू एवं कश्मीर के पुलिसकर्मियों को क्यों पीटेगी? प्रशासन को इस मामले में तत्काल स्पष्टीकरण देना चाहिए/कार्रवाई करनी चाहिए।
अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक ने सेना को निशाने पर लेते हुए कहा कि सेना द्वारा कश्मीरी पुलिसकर्मियों की बुरी तरह पिटाई के बारे में जानकर दुख हुआ।