श्रीनगर/नई दिल्ली। कश्मीर घाटी में मंगलवार को लगातार 11वें दिन भी कर्फ्यू जारी है। तनाव और कर्फ्यू के बीच घाटी में पिछले तीन दिनों से किसी भी स्थानीय भाषा का समाचार पत्र प्रकाशित नहीं हुआ है।
दूसरी ओर, पाकिस्तान ने इस बारे में मंगलवार को काला दिवस मनाने का ऐलान करते हुए वानी को कश्मीर का बड़ा नेता बताया है। पाकिस्तान ने कश्मीर के हालात को मानवाधिकार के खिलाफ बताते हुए भारतीय सेना की शिकायत अंतरराष्ट्रीय फोरम में करने की बात भी कही थी।
बीते आठ जुलाई को हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़पें हुई हैं जिसमे अब तक 45 लोगों की मौत हुई है। इसमें 43 नागरिक और दो पुलिसकर्मी हैं।
अनंतनाग जिले के काजीगुंड क्षेत्र में सेना के गश्ती दल पर उग्र भीड़ के हमले के बाद सोमवार को दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि इस गोलीबारी में चार अन्य भी घायल हुए हैं।
हिजबुल कमांडर बुरहान वानी और उसके दो सहयोगियों की सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मौत के बाद से ही हिसा का माहौल है। प्रशासन ने घाटी में सभी मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी बंद कर दी है और मोबइल फोन पर कॉलिंग सुविधा भी बंद है।
भारत संचार निगम लि. (बीएसएनएल) के पोस्ट-पेड सेल फोन पर सीमित कॉल सेवा दी जारी है। घाटी में पिछले तीन दिनों से किसी भी स्थानीय भाषा या अंग्रेजी भाषा का समाचार पत्र प्रकाशित नहीं हुआ है।
महबूबा मुफ्ती के सलाहकार अमिताभ मट्टू ने मीडिया को बताया कि समाचार पत्रों के प्रकाशन पर प्रतिंबध लगाने का फैसला मुख्यमंत्री के कहने पर नहीं लिया गया। मट्टू ने कहा कि यह फैसला स्थानीय स्तर पर लिया गया है। प्रशासन ने घाटी में स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय 25 जुलाई तक बंद रखे हैं।
कश्मीर घाटी में सेना के साथ मुठभेड़ में ढेर हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के बाद जहां घाटी में अशांति का दौर कायम है, वहीं सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की हरकतों ने सरकार के लिए चिंता बढ़ा दी है।