कौशाम्बी। शराब व्यवसायी से महामंडलेश्वर की उपाधि पाने वाले सचिन दत्ता के साथ राधे मां के बाद कौशाम्बी का एक दुराचारी चर्चा में हैं। कौशाम्बी के भेरौ को दुराचार तथा हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह फरार हो गया।
इन दिनों दुराचारी भैरो नासिक के कुंभ मेला में संयासी बनकर प्रवचन दे रहा है। कौशाम्बी की पुलिस उसके नासिक में होने की खबर मिलते ही सक्रिय हो गई है।
कौशांबी में मोहब्बतपुर पइंसा थाना क्षेत्र के कैमा गांव के भैरो के खिलाफ वर्ष 2008 में मासूम से दुराचार के बाद हत्या के आरोप में मामला दर्ज किया था। जेल भेजे जाने के बाद जिला एवं सत्र एवं न्यायालय ने आरोपी को वर्ष 2010 में फांसी व 20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।
वर्ष 2012 में भैरो को हाई कोर्ट से जमानत मिली और रिहा होने के बाद गायब हो गया। फिर इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होने लगी। कुछ समय पहले सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में एसपी कौशांबी को आरोपी के साथ तलब किया गया ।
17 अगस्त को एसपी कौशांबी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज आरोपी के बिना अदालत में पेश हुए। उनके निवेदन पर सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को पेश करने की मोहलत दे दी। फिलहाल भैरो की खोजबीन में पुलिस एड़ी-चोटी का जोर लगाए है। बीते दिनों पता चला कि भैरो गर्दन बचाने के लिए संन्यासी बन गया है और नासिक कुंभ में है।
इंटेलीजेंस विंग प्रभारी विपिन त्रिवेदी टीम के साथ नासिक कुंभ मेला पहुंचे। कई अखाड़ों में भैरो की तलाश की, लेकिन वह हत्थे नहीं चढ़ा। सूत्रों के अनुसार भैरो के संन्यासी बनने का पता एक अखाड़े से मिली फोटो से चला।
इंटेलीजेंस विंग ने पुरानी फोटो का नई फोटो से मिलान कराया। पुष्टि होने के बाद ही कौशाम्बी पुलिस की कई टीम लुधियाना और नासिक में डेरा जमाये हुए है ।
पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ अनिरूद्ध
दुराचार और हत्या के जुर्म में फांसी की सजा पाने वाले मुजरिम ने पीतांबरी ओढ़ ली है। हाई कोर्ट से जमानत पर रिहा होने के बाद से वह फरार है। पुलिस को पता चला है कि वह संन्यासी बन गया है और नासिक कुंभ में है। इंटेलीजेंस विंग नासिक भेजी गई लेकिन उसे दबोचा नहीं जा सका। यह हाल तब है जब पुलिस अधीक्षक कौशाम्बी खुद सक्रिय हैं। उन्होंने खुफियां, स्वाट, और एक अतिरिक्त टीम इस काम में लगा रखा है ।