एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए योगा के कई फायदे हैं। ध्यान यानी की मेडिटेशन करना योगा की कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण व्यायामों में से एक है। मेडिटेशन हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ हमारी मन की शांति के लिए भी बहुत जरूरी है लेकिन इसके सही फायदे तभी मिल सकते हैं जब आप इसे ठीक से करें। मेडिटेशन के कई तरह के फायदे हैं लेकिन वह आपको तभी मिल सकते हैं जब आप मेडिटेशन सही से करेंगे।
जानते हैं कि मेडिटेशन या ध्यान करने का सही तरीका क्या है। ध्यान करना आसान नहीं होता और सभी को यह परेशानी होती है कि वह ध्यान करते समय अपना फोकस किसी एक जगह पर नहीं रख पाते। दरअसल ध्यान करने का भी एक तरीका होता है। मेडिटेशन में तीन बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। ये होती हैं सांस, मानसिक स्थिति और ध्यान के लिए केंद्रित किया गया लक्ष्य।
सांसों पर काबू
सबसे पहले जानते हैं सांसों के बारे में। सांस लेने और छोड़ने का मेडिटेशन से बहुत गहरा संबंध है। सही तरीके से मेडिटेशन तभी होता है जब आराम से गहरी और लंबी सांसें लीं और छोड़ी जाती हैं। अगर सांसों की गति तेज है तो इसका मतलब यह है कि आप मेडिटेशन सही से नहीं कर रहे हैं। सांसों की गति मेडिटेशन के समय धीमि होनी चाहिए।
मानसिक स्थिति
मेडिटेशन करने के लिए आपकी मानसिक स्थिति का ठीक होना सबसे अहम है। मानसिक स्थिति का अर्थ यह है कि आपका मन शांत होना चाहिए। अगर ध्यान करते समय आपका मन शांत नहीं है या फिर आप तनाव में हैं तो समझ जाइये आप मेडिटेशन ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। आपको ध्यान करते समय अपनी सारी परेशानियों को भूलकर ईश्वर पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। तनाव में रहकर आप ध्यान कर ही नहीं सकते।
अंत में मेडिटेशन के लिए सबसे अहम होता है लक्ष्य। लक्ष्य से अर्थ यह है कि मेडिटेशन करते समय आपके दिमाग में क्या चल रहा है। मेडिटेशन में ओम शब्द के उच्चारण का बहुत महत्व है और यह इसीलिए है कि आप सही से ध्यान लगा सकें। ओम शब्द कहते समय आपके पूरे शरीर में कम्पन होता है और ओम शब्द का धर्म में, मंत्रों में हर जगह ओम का वास है। मेडिटेशन के दौरान ओम शब्द कहने से आपके शरीर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और यह आपके मेडिटेशन के तरीके को बेहतर बनाता है।