वर्तमान समय में हमारे देश में वास्तु विशेषज्ञों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। घर का निर्माण करते समय किन वास्तु नियमों और सिद्धांतों का पालन करना चाहिए, इस पर इन सभी विषेषज्ञों की राय अलग अलग हो सकती है। वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का निर्माण शुरू करने से पहले भूमि पूजन करना चाहिए। इसे एक शुभ शुरुआत माना जाता है और यह घर के निर्माण के आगे की कार्यवाही के लिए एक अच्छी शुरुआत हो सकती है।
घर का प्रवेश द्वार – पूर्व दिशा को घर के प्रवेश द्वार के निर्माण के लिए सबसे शुभ दिशा माना जाता है। अगर किसी वजह से आप इस दिशा में प्रवेश द्वार का निर्माण नहीं कर सकते है तो उत्तर पूर्व में भी प्रवेश द्वार का निर्माण किया जा सकता है।
किचन – घर की दक्षिण-पूर्वी दिशा को किचन के स्थान के लिए सबसे आदर्श दिशा माना जाता है और किचन में खाना बनाते समय पूर्व दिशा का सामना करना चाहिए।
बेडरूम – एक ऐसा घर जिसमे मुख्य द्वार पूर्व दिशा में है, ऐसे घर में मास्टर बेडरूम घर की दक्षिण-पश्चिम कोने में स्थित होना चाहिए। आपको घर में वर्गाकार या आयताकार बेडरूम का निर्माण करवाना चाहिए।