नई दिल्ली। कभी खुद नौकरशाही से जुड़े रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी सरकार के नौकरशाहों को निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ राजनीति करने का आरोप लगाते हुए चुनावी मैदान में आने की चुनौती दी है। अरविंद केजरीवाल ने बाबुओं को चेतावनी देते हुए कहा कि उनसे पंगा ना लें क्योंकि दिल्ली में उनकी सरकार 10-15 साल के लिए रहने वाली हैं।
सिविल सेवा दिवस पर नौकरशाहों को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि नौकरशाहों को ईमानदार, पारदर्शी सरकार का हिस्सा होना चाहिए और दिल्ली के लोगों की सेवा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को धरना पार्टी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने सबसे ज्यादा प्रदर्शन किये हैं, लेकिन नौकरशाहों का प्रोटोकॉल तोड़ना गलत है।
केजरीवाल ने दावा किया कि उनकी सरकार दिल्ली के लोगों की आकांक्षा को पूरा कर रही है और 10-15 साल के लिए रहने वाली हैं। उन्होंने जबरदस्त और ऐतिहासिक जनादेश पाकर जनता का भरोसा जीता है, लेकिन कुछ नौकरशाहों के व्यवहार से सरकार का कामकाज बाधित होता है और उसकी साख कम होती है।
उन्होंने कहा कि इससे पहले दो नौकरशाहों ने 31 दिसंबर 2015 को उस समय हडताल की जब ठीक अगले दिन 1 जनवरी 2016 से दिल्ली सरकार दिल्ली में सम-विषम योजना के पहले चरण को लागू करने की तैयारी कर रही थी। केजरीवाल ने इसको प्रधानमंत्री कार्यालय के इशारे पर कराई गई हड़ताल होने का आरोप लगाया था, ताकि सम-विषम फेल हो जाए।