नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा ने आप सरकार के भ्रष्टाचार पर कार्रवाई संबंधी दावों के खिलाफ अब आक्रामक रूख अपना लिया है।
पार्टी ने चेतावनी दी है कि केजरीवाल सरकार ने यदि आज शाम तक 35 अधिकारियों की पदनाम सहित जानकारी सार्वजनिक नहीं की तो भाजपा कल से सडकों पर उतकर व्यापक प्रदर्शन करेगी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने सोमवार को कहा कि केजरीवाल सरकार जनता का करोडों रूपया विज्ञापन पर खर्च कर दावा कर रही है कि भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने 35 अफसर गिरफ्तार किए और 152 पर कार्रवाई की जबकि सच्चाई ये है कि इसमें बडी संख्या में आम लोग हैं जिनमें से अधिकतर को झूठे मामलों में फंसाया गया है। इतना ही नहीं इसमें ज्यादातर चपरासी से लेकर हेड क्लर्क स्तर तक के कनिष्ठ कर्मचारी है।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने दावा किया है कि आबकारी विभाग के 12 अधिकारी गिरफ्तार किए गए हैं। हमने इसकी जांच की है तो पता चला कि गिरफ्तार लोगों में दो हेड क्लर्क हैं और डिलीवरी मैन, बेलदार, वेंडर और दुकानदार हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे पास इस बात के पुख्ता सबूत भी हैं लेकिन हम सरकार से जानना चाहते हैं। उपाध्याय ने कहा कि हम केजरीवाल को चुनौती देते हैं कि हमें झूठा साबित करें। साथ ही उन्होंने कहा कि केजरीवाल अफसर की परिभाष बताएं। इस संबंध में हमने केजरीवाल को पत्र भी भेजा है।
महामंत्री रमेश बिधू़ड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री न सिर्फ भ्रष्टाचार के मामलों में झूठे आंकड़ों के खेल खेलकर जनता को गुमराह करने की कोशिश करते हैं बल्कि भ्रष्ट साथियों को संरक्षण भी देते हैं।
उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड के एक अधिकारी सहायक अभियन्ता ओम प्रकाश गौड़ का मामला उठाते हुये कहा कि पूर्व मंत्री तोमर की तरह सहायक अभियन्ता गौड़ ने भी नकली जाति प्रमाण पत्र के आधार पर जल बोर्ड में नौकरी पाई।
इसके चलते वह निलंबित भी हुआ बावजदू इसके वह लगातार केजरीवाल के साथ बने रहे हैं और अभी भी वह मुख्यमंत्री आवास पर सक्रियता से देख जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह समझ से परे है कि जल बोर्ड में बड़ी-बड़ी गिरफ्तारियों का दावा करने वाली सरकार क्यों नहीं इस अधिकारी को गिरफ्तार कराती ?
उन्होंने कहा कि 2013 में ओम प्रकाश गौड़ की जाति का मामला पकड़ा गया और उसके बाद उन्हें नौकरी से निलम्बित कर 2 दिसम्बर, 2013 में उनके विरूद्ध धारा 420/468/471 में एफ.आई.आर. नम्बर 388 दर्ज हुई।
इस एफआईआर के कुछ ही दिनों बाद केजरीवाल सरकार दिल्ली में आ गई और अभियन्ता गौड़ के मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। दिल्ली सरकार का सतर्कता विभाग उनकी गिरफ्तारी के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है।