नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी में मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी अभी योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की बगावत से उबर भी नहीं पाई है कि पार्टी के एक पूर्व विधायक राजेश गर्ग ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उन्हीं की पार्टी के सदस्यों ने भारतीय जनता पार्टी के नाम पर अपने विधायकों को फोन किए थे ताकि खरीद फरोख्त के झूठे आरोप मढ़े जा सकें।
गर्ग ने आरोप लगाया कि पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी और अरुण जेटली के नाम पर फर्जी कॉल कराने की योजना को हरी झंडी दी थी ताकि इन नेताओं पर भाजपा को समर्थन के बदले पैसे की पेशकश के आरोप लगाए जा सकें।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल की शह पर उनकी पार्टी के सदस्यों ने अज्ञात नंबरों से फोन किए। खुद उन्हें भी ऐसा एक फोन आया था और फोन करने वाले ने दावा किया था कि वह जेटली के कार्यालय से बोल रहा है। गर्ग ने दावा किया कि फोन पर उन्हें दस करोड़ रुपए की पेशकश की गई थी।
कुछ और विधायकों को भी ऐसी कॉल आई थी। मैंने उस नंबर का स्क्रीनशॉट ले लिया था और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। जब पुलिस ने इस सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया तो मुझे केजरीवाल के पीए और आप के नेता संजय सिंह का फोन आया कि शिकायत वापस ले लीजिए।
इससे पहले भी गर्ग ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल ने कांग्रेस के छह विधायकों को तोड़कर दिल्ली में सरकार बनाने की कोशिश की थी। आप ने इस बार गर्ग को टिकट नहीं दिया और उन्हें 16 मार्च को पार्टी से निलंबित कर दिया गया।