त्रिशूर। अपनी लक्जरी कार एक सुरक्षा गार्ड की हत्या करने के जुर्म में गुरुवार को केरल के बीड़ी उद्योगपति मोहम्मद निशाम को अदालत ने 24 साल की कैद के अलावा उम्रकैद की सजा सुनाई तथा उस पर 80.30 लाख रूपए का जुर्माना भी लगाया।
विशेष सरकारी वकील सी पी उदयभानु ने कहा कि उसके 39 साल तक सलाखों के पीछे रहने की संभावना है। प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पी सुधीर ने निशाम को कल दोषी ठहराया था।
सजा की घोषणा करते हुए जज ने निर्देश दिया कि सुरक्षा गार्ड चंद्रबोस की विधवा जमांती को जुर्माने की राशि से 50 लाख रूपए दिए जाएं।
अदालत ने अभियोजन पक्ष को निशाम की पत्नी अमाल के खिलाफ भी मुकदमा शुरू करने का निर्देश दिया जो इस मामले में गवाह है और लेकिन वह अपने बयान से पलट गई।
उदयभानु ने बताया कि निशाम को धारा 302 (हत्या) के तहत उम्रकैद तथा भादसं की अन्य धाराओं के तहत अतिरिक्त 24 साल की कैद की सजा काटनी होगी। उन्होंने कहा, उसके 39 साल तक सलाखों के पीछे रहने की संभावना है।
अभियोजन पक्ष ने इस मामले को दुर्लभ में दुर्लभतम करार देते हुए मुजरिम के लिए अधिकतम मत्युदंड तथा सुरक्षागार्ड के परिवार को पांच करोड़ रूपए का मुआवजा दिए जाने की मांग की थी। सजा सुनाये जाने के दौरान अदालत में मौजूद जमांती और चंद्रबोस की मां ने फैसले पर निराशा प्रकट की।
जमांती ने कहा कि हमें जिस न्याय की आस थी, हमें वह नहीं मिला। निशाम जेल में भी खुश रहेगा, चाहे उसे कितने भी सालों तक सलाखों के पीछे रहना पड़े।
पिछले साल 29 जनवरी को तड़के निशाम ने नशे की हालत में गुस्से में चंद्रबोस (51) पर हमला किया था और बाद में अपनी गाड़ी उन पर चढ़ा दी थी। वह यहां पॉश रिहायशी परिसर शोभा सिटी के मुख्य गेट के खोले जाने में देरी पर नाराज हो गए थे। बुरी तरह घायल सुरक्षा गार्ड की इलाज के दौरान 16 फरवरी को मौत हो गई थी। इस मामले को लेकर राज्य में काफी जनाक्रोश फैला था।