खंडवा। ओंकारेश्वर तीर्थ नगरी के लिए 16 जनवरी का दिन एक शुभ दिन रहा जिसे क्षेत्र का इतिहास हमेशा याद रखेगा। नमरूशिवाय मिशन ट्रस्ट शिवकोठी के प्रमुख स्वामी शिवोहम् भारती शनिवार को 15 वर्ष 15 दिन की क्षेत्र सन्यास के बाद आश्रम से बाहर निकले।
आश्रम के अंदर रहते हुए बाबा ने कई सामाजिक कार्यो का निर्वहन किया। बरसों से जहां गरीबों के लिए भंडारा चल रहा है वहीं चिकित्सा क्षेत्र में भी सेवा को बढ़ावा दिया। बाबा ने आश्रम से निकलकर सर्वप्रथम ओंकारेश्वर में पवित्र नर्मदा नदी में स्नान कर पूजा अर्चना कर चुनरी ओढ़ाई।
ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर मंदिर में दर्शन कर श्रीममलेश्वर मंदिर में अभिषेक किया। स्वामी जी मार्ग में जगह-जगह पुष्प वर्षा कर भक्तों ने अभिवादन किया।
इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए स्वामी शिवोहम् भारती ने कहा कि भगवान शिव सर्वत्र विराजमान है, भगवान सबसे पहले अंतर हृदय में है उसके बाद सर्व नियन्ता हैं, सर्व व्यापक है, सभी प्राणियों में है। प्राणियों की सेवा सबसे बड़ा कार्य है।
मैं एक सेवक हूं और सेवक बना रहना चाहता हूं। हमारी चाह को भगवान की चाह में मिला देना ही सबसे बड़ा सुख है।दनम: शिवाय मन्त्र जपो इसी में कल्याण है, अतीत को भूलो वर्तमान को सद्विचारों के साथ सत्मार्ग पर चलकर भविष्य को सवारों।
महंत सुरेन्द्र गिरी महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति श्रद्धा और विश्वास पर आधरित है। अच्छा मार्ग बताने वालों को सद्गुरू कहते है। स्वामी शिवोहम् भारती ऐसे ही गुरु है।
विधायक लोकेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि देश में सद्विचार की आवशयकता हैं। स्वामीजी में सद्विचार टावर बनाकर बहुत बड़ा काम किया है।
समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि इस अवसर पर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड्स द्वारा विश्व में प्रथम सद्विचार टावर बनाये जाने पर रिकार्ड में दर्ज किया। इसके पूर्व विश्व में सबसे अधिक नमरू शिवाय मन्त्र संग्रह करने पर भी गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज कर प्रमाण पत्र दिया था।
इस अवसर श्रीराम परिहार, महेश गुप्ता, रामलाल चौहान ने भी संबोधित किया। साधक भक्तो ने स्वामीजी का सम्मान कर आशीर्वाद लिया। नमरू शिवाय मिशन के द्वारा चलाए जा रहे विश्व कल्याण के कार्यों में सहयोग देने वाले साधकों का अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम का संचालन दीप तिवारी ने किया। स्वागत भाषण जयप्रकाश पुरोहित ने दिया एवं आभार अनिल दुबे ने व्यक्त किया।