सिरोही। हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की खाप से ज्यादा गरीबों को शोषण सिरोही जिले में कई जातियों के पंचों ने कर रखा है। अनादरा थाना क्षेत्र में चैधरी समाज के पंचों एक लडकी की उनकी मर्जी से शादी नहीं करवाने पर मां-बाप का हुक्का-पानी बंद किए जाने का मामला आया था। ताजा मामला रेबारी समाज के पंचों के द्वारा सामाजिक बहिष्कार के नाम पर लाखों रुपये की वसूली करने का मामला सामने आया है।
देश की अदालतों से उपर जाते हुए रेबारी समाज के पंचों ने समाज के ही कुछ गरीब परिवार के युवकों को चोर बना दिया और इनके परिवार पर दबाव बनाकर सामाजिक बहिष्कार का डर दिखाकर लाखों रुपये भी ऐंठ लिए। अनादरा थाने में इस तरह का मामला आया है।
सिरोही तहसील के दरबारी खेड़ा गांव का रहने वाला मालाराम नरीगांराम देवासी ने इस्तगासे के माध्यम से रिपोर्ट दर्ज करवाई हैं कि वह सूरत में रहता है, लेकिन उसके समाज के पंच भीखाराम सवाजी रेबारी अटाखेड़ा, तेजाराम शामताजी रेबारी वेलांगरी, मोती लंकाजी रेबारी वेलांगरी, हिराराम हरजीजी रेबारी वेलांगरी, मोड़ ठाकरीजी रेबारी ईसरा, ओबाराम जोराजी रेबारी मीरपुर, सोंपाराम अचलाजी रेबारी ईसरा,रूपाराम कानाजी रेबारी मीरपुर, पीराराम प्रगाजी रेबारी वेलांगरी, प्रगाराम अचलाजी रेबारी वेलांगरी, उकाराम धरमाजी रेबारी ईसरा व बदाराम खेताजी रेबारी ईसरा ने उसे वहां से 8 फरवरी को फोन करके जबरन सिरोही बुलवाया गया।
यहां बुलाकर उस पर आरोप लगाया कि वह चोरी की वारदातों में शामिल हैं इससे समाज का नाम खराब हो रहा है। इस पर समाज के पंचों ने पंद्रह लाख रुपये जुर्माना मांगा। नहीं देने पर उसे व उसके परिवार को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताडित किया। मालाराम ने बताया कि संवैधानिक न्यायालयों से इतर जाते हुए वेलांगरी में पंचों की पंचायत में उस पर जोगाजी महाराज की कुटिया में चोरी दोषी करार दिया जुर्माना मांगा।
इन आरोपों को नकारने पर पंचों ने उससे मारपीट भी की। हाथ पांव बांधकर कई घंटे धूप में पड़ा रखा, परिवार वालों की मिन्नतों पर रिश्तेदारों की जमानत पर उसे छोडा। उसने व उसके परिवार वालों ने अपनी जान पहचान व रिश्तेदारों से उधार लाकर समाज के पंचों को पंद्रह लाख रुपये दिए तब उनके परिवार को जातीय बहिष्कार से मुक्त किया। उसने बताया कि इस प्रकरण की एफआईआर वह अनादरा थाने में दर्ज करवाने पहुंचा तो वहां एफआईआर दर्ज नहीं करते हुए समाज के पंचो से न उलझने का मशविरा देकर चलता कर दिया। इस्तगासे के माध्यम से बाद में अनादरा थाने में मामला दर्ज हुआ।
-मामला इससे भी ज्यादा!
ये मामला उसी समय का है जब ईसरा चैराहे पर पुलिस पर फायरिंग करने पर एक आदिवासी की मृत्यु हुई थी। उस दौरान यह बात सामने आई थी कि रेबारी समाज की वेलांगरी में हुई पंचायत में जातीय पंचों ने सामाजिक बहिष्कार का डर दिखाकर गरीब रेबारी परिवारों से लाखों रुपये वसूले हैं।
राजनीतिक दबाव में इस प्रकरण की रिपोर्ट भी दर्ज नहीं हुई है। सामाजिक सूत्रों के अनुसार इस तरह के मामले में और भी लोगों पर जुर्माना हुआ है। आरोप यह भी लगा है कि यह पैसा दो जगहों पर सामाजिक कामों में लगाने के लिए भेजा गया है। इसमें समाज कद्दावार लोगों के नाम अब मालाराम की पहल पर सामने आए हैं।
-अजीब विडम्बना
यह जिले की अजीब विडम्बना है कि एक आदिवासी विधायक अपने समाज की मौताणा, शराब जैसी कुरीति को मिटाने के लिए गरासिया समुदाय में सामाजिक चेतना लाने वालों के साथ खडे दिखते हैं। वहीं जिले में राजनीतिक रूप से बेहतर स्थिति में रही जातियों के विधायक और सांसद अपनी ही जाति के कमजोर और दबे हुए लोगों को पंचों के कथित सितम से नहीं बचा पा रहे हैं।
-सवाल वसूली का
यह प्रकरण पुलिस के आला अधिकारियों तक पहुंचा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार इसमें कितना पैसा कहां गया है, किसके पास है और पैसे को कहा लगाया गया है इसकी भी जानकारी पीडितों ने अधिकारियों को दी है। अब सवाल यह भी है कि इस प्रकरण में पैसे की वसूली को लेकर पुलिस इन लोगों तक पहुंचेगी या ऐसे ही रफा-दफा कर देगी।
इनका कहना है…
मालाराम की रिपोर्ट पर तफतीश चल रही है। पूर्व दर्ज हुए लडकी की शादी को लेकर ओलबा देने के प्रकरण में चालान पेश कर दिया गया है।
घेवरसिंह राजपुरोहित
थानाधिकारी, अनादरा।