खेरगाम। खेरगाम में हुए तहसील पंचायत चुनाव में कांग्रेस ने एक तरह से भाजपा का सुपड़ा साफ करते हुए 16 में से 12 सीटों पर जीत हासिल की। जबकि भाजपा के खाते में सिर्फ चार सीटें ही आई। तहसील में स्थित जिला पंचायत की दोनों सीट भी कांग्रेस के खाते में ही गई है। तहसील भाजपा अध्यक्ष स्वयं अपनी सीट हार गए हैं।
मतगणना के शुरुआत से ही कांग्रेस ने बढ़त बनाना शुरु कर दिया था। मतगणना का दौर जैसे जैसे आगे बढ़ा वैसे यह साफ होता गया कि भाजपा यहां बुरी तरह से हार रही है। इसके साथ ही कांग्रेसी खेमे में जश्न का माहौल शुरु हो गया। कांग्रेस उमीदवारों ने डेबरपाडा, जामनपाड़ा, पानीखड़क, पाटी, तोरणवेरा पर भारी वोटों से जीत दर्ज की। इसी तरह खेरगाम 2, खेरगाम 3, खेरगाम 4, खेरगाम 5, भैरवी तथा वार्ड नंबर 1 व वार्ड नंबर दो पर भी कांग्रेस उमीदवार विजयी रहे।
खेरगाम 1, बहेज, आशवणी एक व दो पर भाजपा उमीदवार विजयी रहे। जिला पंचायत की आशवणी सीट पर कांग्रेस की गुणवंतीबेन, व खेरगाम जिला पंचायत सीट से कांग्रेस के ही धर्मेश पटेल को विजयी घोषित किया गया। आशवणी जिला पंचायत सीट पर कुल 17527 वोटों में कांग्रेस की गुणवंतीबेन को 8660 व भाजपा की अमिता बेन को 8399 वोट मिले। इसी तरह खेरगाम जिला पंचायत सीट पर कुल पड़े 21106 वोटों में कांग्रेस के धर्मेश पटेल को 10527 व भाजपा के अनिल पटेल को 10137 वोट ही मिले।
खेरगाम तहसील बनने के बाद हुए पहले चुनाव में कांग्रेस ने जबरदस्त वापसी की। जिसके बाद ढोल नगारों के साथ कांग्रेस के जीते उमीदवारों का विजय जुलुस निकाला गया। भाजपा की हार के पीछे ग्रामीणों की समस्याओं के प्रति पार्टी की उदासीनता को कारण बताया जा रहा है। कई विस्तारों में पीने के पानी की सास्या, गटर का अभाव, खराब मार्ग, के साथ टिकट वितरण में आंतरिक कलह को भी जिमेदार ठहराया जा रहा है। चुनाव के दौरान 1987 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प पसंद किया।