गोरखपुर। ‘मकर संक्रान्ति’ के अवसर पर श्रीगोरखनाथ मन्दिर में आयोजित होने वाले परम्परागत खिचड़ी मेला की तैयारी पूर्ण हो चुकी है। इस अवसर पर शिवावतार बाबा गोरखनाथ को अपनी पवित्र खिचड़ी चढ़ाने के लिए आने वाले श्रद्धालुजनों की सुविधा एवं सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जा रहा है।
यद्यपि इस वर्ष शुभ संवत् 2072 शाके 1937 सूर्य उत्तरायण हेमन्त ऋतौ पौषे मास शुक्ल पक्ष षष्टी तिथि शुक्रवार के दिन में सुबह 7 34 मिनट पर सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं, इसलिए इसके 8 घण्टा पूर्व एवं 8 घण्टा बाद पुण्यकाल माना जाता है। इस वर्ष मकर संक्रान्ति का पर्व 15 जनवरी को ही मनाया जाएगा और बुढ़वा मंगल का पर्व 26 जनवरी को मनाया जाएगा।
उक्त जानकारी गोरक्षपीठाधीश्वर एवं गोरखपुर के सांसद महन्त योगी आदित्यनाथ ने दी। उन्होनें बताया कि धनुराशि से मकर राशि में संक्रमण ही ‘मकर संक्रान्ति’ कहलाता है। चूंकि जगतपिता भगवान् सूर्य इस तिथि को उत्तरायण में प्रवेश करते है इसलिए हर प्रकार के मांगलिक एवं पुण्य कार्य इस पवित्र तिथि से प्रारम्भ हो जाते हैं।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश, बिहार तथा देश के विभिन्न भागों के साथ-साथ पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन शिवावतार भगवान गोरखनाथ को अपनी पवित्र खिचड़ी चढ़ाते हैं और अपनी मनोकामना की पूर्ति करते हैं। लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुजनों की सुरक्षा एवं सुविधा का विशेष ध्यान रखते हुए पूरी तैयारी की गई है।
योगी ने बताया कि चुंकि मकर संक्रान्ति पर्व परम्परागत रूप से 14 जनवरी को आम श्रद्धालुजन मनाता आया है। दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते है।
इस दृष्टि से 13 जनवरी के दोपहर बाद से ही आने वाले श्रद्धालुओं को परिसर में रुकने की व्यवस्था इस भीषण शीतलहरी में विभिन्न धर्मशाला और अन्य स्थलों पर की गई है। मकर संक्रान्ति के अवसर पर खिचड़ी चढ़ाने वाले श्रद्धालुजन सुविधा पूर्वक भगवान गोरखनाथ का दर्शन कर सके इसके लिए बेरीकेटिंग का कार्य पूरी तरह से पूर्ण हो चुका है।
मन्दिर परिसर में जगह-जगह अलाव की व्यवस्था, पेयजल की व्यवस्था के साथ-साथ परिसर में पहले से मौजूद शुलभ-शौचालय के साथ-साथ मन्दिर परिसर के पश्चिम मेें नए शौचालय बनाये गये है। इसके अलावा मन्दिर परिसर में विद्युत की आपूर्ति अनवरत् बना रहे, इसके लिये पर्याप्त मात्रा में जनरेटर रखे गए हैं।
मन्दिर और मेला परिक्षेत्र में प्रत्येक गतिविधि को नजर रखने के लिए जगह-जगह सीसी टीवी कैमरे लगाए गए है। सात वाच टावर से सुरक्षा अधिकारी हर प्रकार के गतिविधि पर नजर रखेंगे। मन्दिर की ओर से 1500 स्वंय सेवकों द्वारा श्रद्धालुजनों की सुविधा एवं सुरक्षा की दृष्टि से लगाए जा रहे हैं।
प्रशासन ने भी पूर्वी उत्तर प्रदेश के मेले को सकुशल सपन्न करवाने के लिए प्रयास किया है। चूकि 15 जनवरी को मकर संक्रान्ति का पर्व मनाया जाएगा इसलिए मकर संक्रान्ति के बाद दूसरे मंगलवार जो 26 जनवरी 2016 को है, यही बुढ़वा मंगल के रूप में मनाया जाएगा।