बच्चे नादान होते हैं यह सबको पता हैं। नादानी में वो कई ऐसी गलतियां भी कर लेते हैं जिनका उनको कोई अंदाज़ा नहीं होता हैं। बच्चे जो हैं अपनी गलती करने के बाद भी मान लेते हैं अपनी गलती।
देसी घी खाएंगे तो खुद इसके फ़ायदे जान जाएंगे
आपने अक्सर देखा होगा कि आपके दो बच्चों में से बड़ा बच्चा या बच्ची अपनी गलतियों को आसानी से मान लेता है और सजा के लिए हाजिर रहता है तो वह अकेला ही ऐसा नहीं है। पाया है कि बड़ी संतान अपनी गलतियों को अपने छोटे भाई-बहन की अपेक्षा जल्दी स्वीकार कर लेती है।
एक रिसर्च में सामने आया कि चार से पांच साल के बच्चों में पॉजिटिव भावनाओं से जुडऩे की बात सामने आई हैं। उन्होंने अपनी गलतियों की वजह से झूठ बोलने या नेगेटिव होने की बजाय गलतियों को स्वीकार किया। साथ ही सात से नौ साल के बच्चों में गलती के बाद झूठ बोलने और सकारात्मक इरादे के साथ गलती मान लेने की बात देखी गई।
HOT NEWS UPDATE जानकर होजाएंगे हैरान इन 3 असाधारण मनुष्य क़ो…
रिसर्च का मकसद यह है कि मकसद बच्चों के झूठ बोलने और स्वीकार करने की भावनाओं की पहचान करना है। साथ ही मोशंस बच्चों की स्वीकार करने की प्रवृत्ति या वास्तविक दुनिया के हालात से प्रभावित होते है।
वैसे तो बच्चों के साथ सभी अभिभावकों को बातचीत का रास्ता खोल कर रखना चाहिए चाहें उसने कितनी ही बड़ी गलती की हो। उसको हमेशा यह कहे कि आपने हमको गलती के बारे में बताकर अच्छा किया है हम आपसे नाराज नहीं बल्कि खुश है। बच्चे को कभी भी यह महसूस नहीं होने दे कि आपने उसको नजरअंदाज कर दिया हैं।
HOT NEWS UPDATE जानते हैं जानवरों का 8 रहस्यमय आइलैंड
आपको यह खबर अच्छी लगे तो SHARE जरुर कीजिये और FACEBOOK पर PAGE LIKE कीजिए, और खबरों के लिए पढते रहे Sabguru News