कुआलालंपुर। उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन के भाई किम जोंग-नाम की जिस दिन जहरीले रसायन वीएक्स नर्व एजेंट से हत्या कर दी गई थी, उस दिन उनके पास विषनाशक मौजूद था।
बचाव पक्ष के वकील हिसयाम अब्दुल्ला ने शुक्रवार को बताया कि मलेशिया के उच्च न्यायालय को इस हफ्ते बताया गया कि जब 13 फरवरी को कुआलालंपुर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर किम जोंग-नाम पर घातक वीएक्स नर्व से हमला किया गया था, उस समय उनके स्लिंग बैग में एट्रोपीन दवा की 12 खुराक थी।
वकील ने कहा एक सरकारी विषविज्ञानी के. शर्मिला ने बुधवार को न्यायालय को बताया कि उन्होंने पुलिस द्वारा उपलब्ध कराए गए अन्य नमूनों सहित दवा की जांच की।
अमरीकन सोसाइटी ऑफ हेल्थ सिस्टम फार्मासिस्ट्स (एएसएचपी) के मुताबिक, एट्रोपीन रासायनिक घातक तत्वों और कीटनाशक विष से प्राथमिक तौर पर सुरक्षा प्रदान करता है।
एएसएचपी के अनुसार एट्रोपीन मांसपेशियों, त्वचा के नीचे, या नसों के जरिए इंजेक्ट किया जाता है, लेकिन यह गोली या आईड्रॉप के रूप में भी उपलब्ध है।
यह विषनाशक के रूप में इस्तेमाल में लाए जाने के साथ ही मांसपेशियों के ऐंठन के इलाज में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
सीएनएन के मुताबिक इससे पहले न्यायालय में एक पुलिस अधिकारी ने अपनी गवाही में बताया था कि किम जोंग-नाम के पास मौत के समय विषनाशक के साथ 125,000 डॉलर नकदी भी थी।
किम जोंग-नाम को कथित रूप से विषाक्त रसायन वीएक्स के जरिए उस समय मारा गया था, जब वह अपने घर मकाऊ जा रहे थे।
सुरक्षा फूटेज में 25 वर्षीय इंडोनेशियाई महिला सिती आसियाह और 29 वर्षीय वियतनामी महिला थी, हुओंग किम जोंग-नाम के पीछे से गुजरती हुई और उनके चेहरे पर अपने हाथों को मलती नजर आ रही हैं।
मलेशियाई अधिकारियों ने इस हत्याकांड में उत्तर कोरिया का हाथ होने का दावा किया, हालांकि वह (उत्तर कोरिया) लगातार इस बात से इनकार करता रहा है।