मंदसौर। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में पुलिस कार्रवाई में मारे गए छह किसानों की मौत के बाद अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति की अगुवाई में गुरुवार से शुरू हुई ‘किसान मुक्ति यात्रा’ को पुलिस ने गुड़ढेली गांव में रोककर प्रमुख किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव बादल सरोज ने बताया कि यह यात्रा बूढ़ा गांव से शुरू हुई थी, जिसमें भारतीय किसान समन्वय समिति के संयोजक वी.एम सिंह, हन्नान मोल्ला, सुभाषिनी अली, स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव, नर्मदा आंदोलन की मेधा पाटकर, स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के प्रतिनिधि सांसद राजू शेट्टी सहित अनेक नेताओं को पुलिस ने गुड़ढेली गांव में रोका और उसके बाद गिरफ्तार कर लिया। ये लोग पिपलिया मंडी जा रहे थे जहां पुलिस गोलीबारी में किसान मारे गए थे।
पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह ने बताया कि किसान यात्रा निकाल रहे लोगों को शांति भंग होने की आशंका में गिरफ्तार किया गया है। अभी तक 300 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
देशभर के किसानों का कर्ज माफ करने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर उपज का मूल्य दिए जाने की मांग को लेकर देश के 100 से ज्यादा किसान संगठनों के प्रतिनिधि मंदसौर पहुंचे और उन्होंने गुरुवार को किसान मुक्ति यात्रा की शुरू की।
इस यात्रा में किसान नेताओं से लेकर आम किसान और महिलाएं शामिल थीं। उन सभी के कंधे पर प्रतीकात्मक हल था, जिसमें एक ओर मिट्टी का कमंडल लटका हुआ था। किसानों के हाथ में हरे रंग का झंडा भी था।
यात्रा मध्य प्रदेश से शुरू होकर महाराष्ट्र से गुजरात होते हुए 18 जुलाई को दिल्ली पहुंचेगी, जहां मंदसौर में पुलिस कार्रवाई में मारे गए छह किसानों को श्रद्घांजलि दी जाएगी।
किसान मुक्ति यात्रा के मद्देनजर प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं, जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती की गई है।