अजमेर। वर्षा की अनिश्चिता और श्रमिकों की अनुपलब्धता से होने वाली परेशानी क्या होती है, यह एक किसान ही जानता है। लेकिन कहते है कि जहां परेशानी होती है, वहीं उसका कोई ना कोई हल भी निकल आता है।
किशनगढ़ के पास डीडवाड़ा गांव के कृषक रामधन यादव ने निराई-गुड़ाई में रोजाना आने वाली परेशानी से निजात पाने के लिए खुद ही एक मशीन तैयार कर दी। यह मशीन किसानों के लिए बेहद उपयोगी साबित हुई है। इस नवाचार को नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन ने भी सराहा और पुरस्कृत किया। यादव अब आसपास के किसानों के लिए मिसाल बन गए हैं।
जिला कलक्टर गौरव गोयल ने बताया कि किशनगढ़ के पास डीडवाडा के रहने वाले कृषक रामधन यादव के पास करीब 2 हैक्टेयर जमीन है। खेती के लिए कृषक को श्रमिकों और महंगी निराई – गुड़ाई मशीन पर निर्भर रहना पड़ता था। रोजाना आने वाली परेशानियों तथा समय, श्रम व धन की बचत के लिए यादव ने खुद ही एक मशीन बनाने की ठान ली।
मात्रा 42 हजार रूपए की लागत से यादव ने निराई-गुड़ाई की मशीन बनाई। इस मशीन में लाईन से लाईन की दूरी इस तरह से व्यवस्थित की गई है कि वर्तमान समय में प्रचलित सीड ड्रिल एवं कल्टीवेटर से बोयी गई फसलों में आसानी से निराई-गुड़ाई हो सके।
कृषि विभाग के उप निदेशक वी.के.शर्मा ने जानकारी दी कि यादव का यह आविष्कार ना सिर्फ उनके बल्कि आसपास के किसानों के भी काम आ रहा है। उन्हें इस पुरस्कार के लिए नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन द्वारा एक लाख रूपए का पुरस्कार भी दिया गया।
कृषि के क्षेत्रा में इस तरह के नवाचारों को बढ़ाने तथा खेती को वर्तमान समय की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कृषकों को सहयोग दिया जा रहा है।