भोलेनाथ को देवों के देव यानी महादेव भी कहा जाता है। कहते हैं कि शिव आदि और अनंत हैं। शिव ही एक मात्र ऐसे देवता हैं जिनकी लिंग रूप में भी पूजा जाता है। शिव को प्रसन्न करने के लिए उन्हें अनेक ऐसी चीजें पूजा में अर्पित की जाती हैं जो और किसी देवता को नहीं चढ़ाई जाती। जैसे आंक, बिल्वपत्र, भांग आदि। लेकिन शास्त्रों के अनुसार, कुछ चीज़ें शिव पूजा में कभी उपयोग नहीं करनी चाहिए
1. शिव पूजा में क्या भूल कर भी ना चढ़ाएं, जानें
धार्मिक कार्यों में हल्दी का महत्वपूर्ण स्थान है। कई पूजन कार्य हल्दी के बिना पूर्ण नहीं माने जाते। लेकिन हल्दी, शिवजी के अलावा सभी देवी-देवताओं को अर्पित की जाती है। हल्दी का स्त्री सौंदर्य प्रसाधन में मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है, इसी वजह से महादेव को हल्दी इसीलिए नहीं चढ़ाई जाती है।
2. जलाधारी पर चढ़ाते हैं हल्दी
शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ाना चाहिए परंतु जलाधारी पर चढ़ाई जानी चाहिए। शिवलिंग दो भागों से मिलकर बनी होती है। एक भाग शिवजी का प्रतीक है और दूसरा हिस्सा माता पार्वती का। शिवलिंग चूंकि पुरुषत्व का प्रतिनिधित्व करता है अत: इस पर हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है। हल्दी स्त्री सौंदर्य प्रसाधन की सामग्री है और जलाधारी मां पार्वती से संबंधित है अत: इस पर हल्दी जाती है।
3. भोलेनाथ को चढ़ाएं फूल
शिव को कनेर, और कमल के अलावा लाल रंग के फूल प्रिय नहीं हैं। शिव को केतकी और केवड़े के फूल चढ़ाने का निषेध किया गया है। सफेद रंग के फूलों से शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। कारण शिव कल्याण के देवता हैं। सफेद शुभ्रता का प्रतीक रंग है। जो शुभ्र है, सौम्य है, शाश्वत है वह श्वेत भाव वाला है। यानि सात्विक भाव वाला।
4. कौन से फूल कर सकते हैं आपकी कामना पूरी?
एक धारना के अनुसार, शिव पूजा में तरह-तरह के फूलों को चढ़ाने से अलग-अलग तरह की इच्छाएं पूरी हो जाती है। जानिए किस कामना के लिए कैसा फूल शिव को चढ़ाएं
5. फूल कर सकते हैं आपकी कामना पूरी
वाहन सुख के लिए चमेली का फूल। दौलतमंद बनने के लिए कमल का फूल, शंखपुष्पी या बिल्वपत्र। विवाह में समस्या दूर करने के लिए बेला के फूल। इससे योग्य वर-वधू मिलते हैं।
6. अनाज चढ़ा कर भी सकते हैं कामना पूरी
इसी तरह भगवान शिव की प्रसन्नता से मनोरथ पूरे करने के लिए शिव पूजा में कई तरह के अनाज चढ़ाने का महत्व बताया गया है। इसलिए श्रद्धा और आस्था के साथ इस उपाय को भी करना न चूकें। जानिए किस अन्न के चढ़ावे से कैसी कामना पूरी होती है
7. राशि के मुताबिक शिव आराधना
भगवान शिव के 12 ज्योर्तिलिंग देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित हैं. जिसे साक्षात शिवस्वरूप माना जाता है. शास्त्रों के मुताबिक हर दिन भगवान शिव 24 घंटे में एक बार शिवलिंग में स्थित होते हैं इसलिए अपनी राशि के मुताबिक ज्योर्तिर्लिंग का ध्यान करते हुए शिव आराधना करने से विशेष लाभ मिलते हैं