गर्मी के मौसम में तरह तरह के आम मंडी में आने लगते हैं उसमें से एक ऐसा आम हैं जिसका नाम हैं लंगड़ा। क्या? आप जानते हैं लंगड़े आम को लंगड़ा क्यों कहा जाता हैं। नहीं ना चलिए हम आपको बताते हैं इसकी पूरी कहानी।
लंगड़ा आम जो कि माध्यम आकार का, अंडाकार और हरा होता है। इसमें रेशे होते हैं,यह पकने के बाद भी हल्का कलर ही रखता है जब कि अन्य क़िस्मों में पकने के बाद रंग पीला हो जाता है।
आपकी जानकारी के लिए बात दें की यह उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, पंजाब, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में उगाया जाता है,यह आम कई तरह की मिट्टी में और वातावरण में पैदा होता है।
ऐसा हैं लंगड़े आम का इतिहास
लंगड़ा एक हिन्दी शब्द है जिसका अंग्रेजी में मतलब है ‘लेम’ यानि लंगड़ा। इतिहास में इसकी उत्पत्ति बनारस से मानी जाती है। पूर्व में आम की खेती करने वाले पदम श्री हाजी कलीमुल्लाह के अनुसार “मेरे मामू साहब ने लगभग 250-300 सालों पहले इसकी खेती की। पैर से लंगड़ा होने के कारण उन्हें गाँव में रिश्तेदार और साथी लंगड़ा कहते थे।
उसके पेड़ के आम मीठे और गूदे से भरे थे। उस पेड़ और उसके फलों को आगे जाकर ‘लंगड़ा’ नाम से जाना जाने लगा”। वे ये भी कहते हैं कि हालांकि लंगड़ा आम देश में हर जगह मिलता है लेकिन पुरे देश में जो स्वाद बनारस के आम में है वो और कहीं के आमों में नहीं। बताया जाता हैं की पदमश्री हाजी कलीमुल्लाह पुराने समय में बागवानी करते हैं और उत्तर प्रदेश के मलीहाबाद में अपनी आम के किस्में उगाने के लिए जाने जाते हैं।
आम की 300 से ज़्यादा किस्में उगाने के साथ ही ‘अनारकली’ नामक किस्म का आम उगाने के कारण उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकोर्ड्स में दर्ज है। उन्होने अपने बगीचे में 5 नई किस्में उगाई जिन्हें नयनतारा, एश्वर्या, नर्गिस और जाहनारा के नाम से जाना जाता है।
साल 2014 में, उन्होने एक आम का पेड़ उगाया जिसे इन्होने ‘नमो’ नाम दिया जो कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्पित है। खान साहब इसे प्रधानमंत्री जी को गुजरात में उगाने के लिए देना चाहते हैं। एक खबर ये भी हैं की उन्होने तीन नई किस्में भी उगाई है जो कि मोहम्मद आज़म खान,विधान सभा के सदस्य, बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन और एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर हैं।