कोलकाता। कोलकाता के राबिनसन स्ट्रीट स्थित एक फ्लैट से वृद्ध आग में झुलसा शव व कंकालों की बरामदगी का मामला उलझता जा रहा है।
मामले की पडताल में जुटी पुलिस को परिवार के एकमात्र जीवित सदस्य पार्थ दे से अब तक जो जानकारिया मिली है उससे पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रही है।
उधर कोलकाता के पावलव अस्पताल में उपचाराधीन मानसिक तौर पर अस्वस्थ पार्थ दे का रवैया भी पुलिस के लिये परेशानी का सबब बनता जा रहा है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार पार्थ ने गत पूरी रात अकेले जाग कर गुजारी।
अस्पताल के चिकित्सक जब भी उससे उसके परिवार अथवा घटना के बारे में पूछने की कोशिश करते हैं तो वह क्रोधित हो जाता है। यहां तक कि अस्पताल के कुछ कर्मी उसके पास जाने में डर महसूस करने लगे हैं।
इस बीच शनिवार दोपहर को पावलव अस्पताल में मनोचिकित्सकों ने एक बैठक की जिसमे पार्थ दे के उपचार को लेकर चर्चा हुई। उल्लेखनीय है कि गत बुधवार की रात कोलकाता के शेक्सपियर सरणी थाना अंतर्गत राबिनसन स्ट्रीट स्थित एक इमारत के फ्लैट से पार्थ दे के पिता 77 वर्षीय अरबिद दे का आग में झुलसा शव बरामद किया गया।
पुलिस ने जब घर की तलाशी ली तो वहां से तीन कंकाल बरामद हुए। पूछताछ में पार्थ ने पुलिस को बताया कि एक कंकाल उसकी बडी बहन देवयानी दे का है जिसकी पिछले साल दिसंबर में मौत हो गई थी जबकि अन्य दो कंकाल उसके पालतू कुत्तों के हैं।
पार्थ दे के मुताबिक कुत्तों की मौत से उसकी बहन इतनी दुखी थी कि उसने खाना-पीना छो्ड दिया था। लगातार भूखे रहने के कारण उसकी मौत हो गई। उसने अपनी बहन व कुत्तों की लाश को घर में छुपा कर रखा और हर रोज उन्हें खाना खिलाता था।
हालांकि पुलिस पार्थ के बयान पर पूरी तरह यकीन नहीं कर पा रही है। तलाशी के दौरान पुलिस को पार्थ की एक डायरी मिली जिसके आधार पर कहा जा रहा है कि उस परिवार के सदस्य आपस में यौन संबंधो में लिप्त थे। यह भी कहा जा रहा है कि पार्थ दे अपनी बहन के कंकाल के साथ यौन संबंध बनाने की कोशिश करता था।
बहरहाल, अभी तक इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है कि जो कंकाल बरामद हुआ वह देवयानी दे का है। उधर पार्थ दे को पडोसियों के बयानो व अरबिद दे के वसीयतनामे के सामने आने से यह रहस्य और भी गहरा होता जा रहा है।
दे परिवार के एक पडोसी ने बताया कि उसने पिछले दस-पंद्रह सालों के दौरान कभी भी देवयानी दे को नहीं देखा। उधर यह भी पता चला है कि अरबिद दे एक वसीयतनामा तैयार करवा रहे थे जिसमे उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर पार्थ दे के साथ-साथ देवयानी दे का नाम भी शामिल किया था।
अब सवाल यह है कि यदि अरबिद दे जानते थे कि उनकी बेटी की मौत हो चुकी है तो फिर वे उसे अपनी जायदाद का उत्तराधिकारी क्यों बनाना चाहते थे। सवाल यह भी है ऐसा क्या हुआ कि अचानक अरबिद दे को आत्महत्या करनी पडी?
बहरहाल इन उलझी गुत्थियों को सुलझाने में पुलिस जुटी हुई है। इस सनसनीखेज मामले के खुलासे के बाद लोग हतप्रभ हैं। महानगर में हर तरफ इसी मामले की चर्चा जोरों पर है।