कोटा। रामगंजमंडी विधायक चन्द्रकांता मेघवाल, भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच पिछले दिनों हुए विवाद की जानकारी लेने के लिए शुक्रवार को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी और प्रभारी मंत्री प्रभुलाल सैनी कोटा पहुंचे।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने सभी पक्षों से चर्चा करने के बाद पत्रकारों को बताया कि पूरे मामले की जांच सीईडी सीबी से होगी। उन्होने कहा कि फौजदारी व सीसीआई जैसी भी आवश्यकता होगी। कार्यकर्ताओं के सम्मान को आंच नहीं आएगी।
उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि मैने अभी तक लाठी चार्ज का वीडियों नहीं देखा है पर लाइव वीडियो देखा उसके आधार पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर जो कार्रवाई की है वो अधिक थी। उन्होंने कहा की भाजपा कार्यकर्ताओं के सम्मान पर किसी तरह की आंच नहीं आने देंगे।
इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने भाजपा विधायकों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर पूरे मामले फीडबैक लिया। दोनों नेता लाठी चार्ज में घायल हुए कार्यकर्ताओं से मिलने अस्पताल भी पहुंचे।
बैठक में लाड़पुरा विधायक भवानी सिंह राजावत ने कहा कि विधायक का एक प्रोटाकॉल होता है। अगर विधायक थाने में जाता है तो थानाधिकारी ओर बाकी पुलिस कर्मियों का फर्ज बनता है की वो विधायक को सेल्यूट करें ओर बैठने के लिए कहे।
लेकिन इस ममले में ऐसा नहीं हुआ उल्टा विधायक के साथ बदसुल की गई। उनके साथ मारपीट हुई। भाजपा जहां पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग कर रही है, वहीं कांग्रेस ने इस मामले में पुलिसकर्मियों के पक्ष में आंदोलन छेड़ रखा है।
कोटा में रोज भाजपा विधायक, उनके पति व समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर धरने-प्रदर्शन किए जा रहे हैं। पीसीसी चीफ सचिन पायलट, नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी भी मामले में न्यायिक जांच की मांग कर चुके हैं। बजट सत्र में भी यह बड़ा मुद्दा बनेगा।
उधर पुलिस के समर्थन में धरना देने की अनुमति मांग रहे रिटायर्ड एएसपी योगेन्द्र जोशी को एसपी ऑफिस के बाहर मौन धरने की परमिशन नहीं मिली।
एक दिन पहले ही अनुमति के लिए पत्र देने के बाद भी करीब दो घंटे तक रिटायर्ड एएसपी को परमिशन की इजाजत के लिए एसपी ऑफिस के चक्कर काटना पड़ा। आखिरकार उन्हें परमिशन नहीं मिली।