इस्लामाबाद। पाकिस्तान के महान्यायवादी अश्तर औसाफ अली कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव से संबंधित मामले में पाकिस्तान की ओर से हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पैरवी करेंगे। आईसीजे को यह जानकारी दे दी गई है।
पाकिस्तान के प्रमुख समाचार पत्र डॉन की वेबसाइट पर गुरुवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के विदेश मामलों के मंत्री ने हेग स्थित आईसीजे के रजिस्ट्रार को इस बात की जानकारी दी है कि महान्यायवादी औसाफ इस मामले में पाकिस्तान की ओर से प्रतिनिधि (एजेंट) होंगे और विदेश मामलों के महानिदेशक मोहम्मद फैसल सह-प्रतिनिधि (को-एजेंट) होंगे।
‘एजेंट’ शब्द सरकार के शीर्ष अधिकारी के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो विदेशों में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करता है और साधारणतया आईसीजे में खुली बहस या कानून की टीम द्वारा तैयार की गई रूपरेखा को प्रस्तुत करता है।
8 जून को नीदरलैंड में आईसीजे के अध्यक्ष रॉनी अब्राहम की पाकिस्तान और भारत के प्रतिनिधिमंडल के बीच एक मुलाकात के बाद, औसाफ ने विश्व न्यायालय को जाधव मामले में सभी संभावित सुनवाई के अलावा आईसीजे पीठ की सभी कार्यवाहियों के लिए अपनी तरफ से एक तदर्थ जज को नियुक्त करने संबंधी इस्लामाबाद के इरादे से सूचित किया था।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार अब पाकिस्तान और आईसीजे के बीच भविष्य के सभी सूचना संबंधी आदान प्रदान महान्यायवादी कार्यालय के माध्यम से किए जाएंगे।
विश्व न्यायालय ने 18 मई को एक अंतरिम निर्णय में जाधव की फांसी पर अंतिम निर्णय आने तक रोक लगा दी थी। जाधव को जासूसी करने और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में एक सैन्य अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई है।
पाकिस्तान ने कहा था कि जाधव को मार्च 2016 में बलूचिस्तान से पकड़ा गया था और उसने भारत की अंतर्राष्ट्रीय गुप्तचर संस्था रिसर्च एंड एनलिसिस विंग (रॉ) से संबंध होने की बात को स्वीकार किया था। जाधव को 10 अप्रेल को पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई थी। भारत ने पाकिस्तान द्वारा जाधव पर लगाए गए आरोपों को सिरे से गलत बताया है।