कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के कसया थाना क्षेत्र में लगभग डेढ़ साल पहले एक मासूम बच्ची के साथ अमानवीय तरीके से हुए रेप और निर्मम हत्या के मामले में आरोपी युवक को सजा ए मौत सुनाई गई है।
जिला जज एवं सत्र न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने रविवार को फैसला सुनाते हुए आरोपी युवक को फांसी की सजा सुनाई है। बताते चलें कि कुशीनगर के कसया थाना क्षेत्र में वर्ष 2015 में 13 मई को एक वीभत्स घटना सामने आई थी।
थाना क्षेत्र के सबयां गांव की एक मासूम बच्ची को गांव के ही एक दरिन्दे ने पहले घृणित तरीके से हवस का शिकार बनाया और फिर उसका गला दबाकर हत्या कर दी थी। इस मामले में घटना के दूसरे दिन बच्ची की लाश श्मशान घाट के पास पुलिस ने तब बरामद की, मृत बच्ची के परेशान परिजनों ने थाने में मुकदमा पंजीकृत करवाया।
सात साल की इस बच्ची की लाश मिलने के बाद वहां मौजूद सभी लोग उसके साथ हुए हैवानियत को देखकर कांप से गए थे। कसया थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक ज्ञानेन्द्र कुमार शुक्ला ने मृत बच्ची की लाश को देखने के बाद तत्काल एक टीम के साथ छानबीन शुरु की और उसी दिन शाम तक सबयां के रहने वाले आरोपी पप्पू गौतम को धर दबोचा था।
जिला शासकीय अधिवक्ता क्रिमिनल जीसी यादव ने बताया कि बलात्कार की इस घटना में सात साल की मासूम बच्ची को उसके गांव के ही एक युवक ने टॉफी खिलाने के बहाने कई बच्चों के साथ बुलाया और फिर सबके बीच टॉफी बांटकर उसमें से उक्त बच्ची को गोद में उठाकर लीची खिलाने के बहाने चल दिया।
साथ के और बच्चे जब लीची खाने की बात सुनकर साथ चलने लगे तो उसने डांटकर सबको भगा दिया। आगे ले जाकर एक सुनसान जगह पर उसने बच्ची के साथ अमानवीय तरीके से बलात्कार किया। बच्ची के चिल्लाने पर उसने उसका गला भी घोंट दिया।
मारने के बाद लाश को करीब डेढ़ किमी तक घसीट कर पास के एक श्मशान घाट के पास झाड़ियों में फेंक दिया था। सरकारी वकील यादव ने बताया कि इस घटना में तत्कालीन कसया थाने के प्रभारी निरीक्षक ने बड़ी ही मुस्तैदी दिखाई और बच्चों की निशानदेही पर अभियुक्त को पकड़ लिया था। आरोपी तभी से देवरिया जेल में बन्द था।
लगभग 20 महीने तक चले इस मामले की सुनवाई के दौरान आठ गवाहों को पुलिस ने साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया। इसमें मृत बच्ची की मां और उसकी एक आठ साल की सहेली के बयान को न्यायालय ने काफी गंभीरता से लिया।
यादव के अनुसार मृत बच्ची के साथ हुए बलात्कार और हत्या के इस मामले में मृत बच्ची के साथ बलात्कार वाले घटना स्थल से मिले कपड़ों की विधि विज्ञान प्रयोगशाला की जांच में बलात्कार की पुष्टि हुई थी।
लगातार चली सुनवाई के क्रम में 7 दिसम्बर को फैसला न्यायालय ने सुरक्षित कर लिया था। गुरुवार को उसी क्रम में सजा का ऐलान करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश लालमणि सरोज ने सबयां खास गांव के आरोपी पप्पू गौतम पुत्र रामप्रीत गौतम को फांसी की सजा सुनाई है।