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प्राचार्या ने पी फिनायल, पन्ना कलेक्टर पर दुष्कर्म का आरोप - Sabguru News
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प्राचार्या ने पी फिनायल, पन्ना कलेक्टर पर दुष्कर्म का आरोप

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प्राचार्या ने पी फिनायल, पन्ना कलेक्टर पर दुष्कर्म का आरोप
lady principal accuses panna collector of sexual harassment
lady principal accuses panna collector of sexual harassment
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पन्ना। पन्ना जिला प्रशासन के मुखिया कलेक्टर आरके मिश्रा पर जिले की शीर्षस्थ शैक्षणिक संस्था केन्द्रीय विद्यालय की प्राचार्या ने दुष्कर्म का आरोप लगाकर शनिवार को सनसनी फैला दी।

सुबह लगभग साढ़े आठ बजे केन्द्रीय विद्यालय की प्राचार्या  उमा (परिवर्तित नाम) ने फिनायल पीकर खुदकशी का असफल प्रयास किया, जिसे तत्काल विद्यालयीन स्टाफ ने जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया जहां पर उनका इलाज चल रहा है स्थिति खतरे से बाहर है।

प्राचार्या ने पत्रकारों के सक्षम खुलकर आरोप लगाया कि कलेक्टर पन्ना आरके मिश्रा ने इस एक सप्ताह के दौरान दो बार उनके साथ शारीरिक संबंध स्थापित किए। कल कलेक्टर की धर्म पत्नी जो अभी दो चार दिन पहले ही पन्ना आई है उन्होंने फोन करके धमकी दी कि वे उन्हें खत्म करवा देंगी। पीडि़ता ने जिसकी जानकारी एसपी पन्ना आईपी अरजरिया को सुबह ही दे दी, लेकिन एसपी ने यह कहते हुए फोन काट दिया कि ये आपका पर्सनल मामला है। इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता।

जब उन्हें कहीं से कोई सहयोग नहीं मिला तो उन्होंने मजबूरन फिनायल पीकर आत्म हत्या करने का प्रयास किया। पीडि़ता महिला प्राचार्या ने बताया कि कलेक्टर की पत्नी ने यह भी कहा कि उनका एक विश्वासपात्र केन्द्रीय विद्यालय का शिक्षक श्रीवास्तव का परिवार ग्वालियर में रहता है उसे भी खत्म करवा देंगे। उन्होंने बताया कि मुझे भी संदेह है कि मेरा भी मर्डर हो सकता है जिसके लिए पूर्णत: जिम्मेदार डीएम आरके मिश्रा होंगे।

समाचार लिखे जाने तक कलेक्टर पर एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी थी। केवल एसआई रीता त्रिपाठी द्वारा जिला चिकित्सालय में प्राचार्या के बयान दर्ज किए गए थे तथा कलेक्टर पन्ना को तत्काल हटाते हुए राजधानी भोपाल अटैच किए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है, जिसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।

शिक्षक को फाइलें लेकर रात्रि में बुलाते थे कलेक्टर

प्राचार्या  ने यह भी आरोप लगाए है कि गत वर्ष विद्यालय के एक शिक्षक पर लैंगिक शोषण का अपराध उनकी रिपोर्ट पर पंजीबद्घ हुआ था जिसे केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने अमान्य कर दिया था, क्योंकि ऐसा प्रावधान ही नहीं था। कलेक्टर चूंकि केन्द्रीय विद्यालय के चेयरमैन होते हैं इसलिए मैंने उनके दबाव में यह मामला पंजीबद्घ करा दिया था इसके लिए वे मुझे रात में 8 या 9 बजे फाइल लेकर अपने बंगले बुलाते थे और मनोविज्ञानिक दबाव बनाकर मेरा दैहिक शोषण करते थे। जब मैने यहां से स्थानांतरण कराना चाहा तो उन्होंने अपनी अनुशंसा करने की बजाए अपने स्वार्थ के लिए पन्ना में ही पदस्थ रहने का लेख कर शासन को भेज दी कहा कि वे हमेशा उनका दैहिक शोषण करते रहे।

जब पत्रकारों ने पीडि़ता से पूछा कि, क्या आप कलेक्टर पर दुष्कर्म का मामला पंजीबद्घ कराना चाहतीं है ? तब उन्होंने कहा कि वे अवश्य पंजीबद्घ कराना चाहती है लेकिन यह भी तय है कि यदि मामला उनपर पंजीबद्घ हुआ तो मेरी लाश दूसरे ही दिन मिल जाएगी इसलिए मैं अपने परिजनों से भी विचार विमर्श कर रहीं हूं और मैंने अपने कथन पुलिस को दे दिए हैं और मेरा एक पुत्र है यदि मेरा मर्डर हो गया तो उसकी परवरिश कौन करेगा। इन सब बातों को लेकर मैं बहुत परेशान हूं, लेकिन यह बात तय है कि मैं कलेक्टर के विरुद्ध मामला पंजीबद्घ करवाउंगी लेकिन पुलिस का भी कोई सहयोग उन्हें नहीं मिल रहा है।

जब उनसे पूंछा गया कि कलेक्टर ने उन पर आरोप लगाया है कि वे मैन्टली डिस्टर्व हैं एवं राजनैतिक दबाव में निराधार आरोप लगा रहीं है और पूर्व में भी वे ऐसे आरोप अन्य स्थानों पर लगा चुकी है जिनका इलाज भी ग्वालियर का चल रहा है । इसका प्राचार्या ने पुरजोर खण्डन करते हुए कहा कि मैं एक भारत सरकार की अधिकारी हूॅं और मेरा राजनीति से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं है जहां तक मैन्टली डिस्टर्व का आरोप लगाया है यह उनकी ओछी मानसिकता का परिचायक है तथा मैं पूर्णत: मानसिक रूप से स्वस्थ हूं न मेरा कभी मानसिक संतुलन बिग$डा और न ही कभी मेरा कोई ऐसा इलाज चला यदि कलेक्टर के पास कोई प्रमाण है तो वे साबित करें जिससे स्वत: उनका झूठ सामने आ जायेगा।

क्या कहते हैं कलेक्टर

जब उपरोक्त मामले में पत्रकारों ने कलेक्टर रविन्द्र कुमार मिश्रा के शासकीय आवास पर जाकर उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि केन्द्रीय विद्यालय की प्राचार्या मैन्टली डिस्टर्व है जिनका इलाज ग्वालियर में चल रहा है जिसकी जानकारी उन्हें केन्द्रीय विद्यालय के स्टाफ ने दी है। मैंने कभी उन्हें किसी काम से अपने बंगले नहीं बुलाया वे कार्यालय में अवश्य आतीं रहीं है और न ही मेरे द्वारा कोई उनके साथ दुष्कर्म एवं दैहिक शोषण किया गया। जहां तक पत्नी के बारे में जो आरोप प्राचार्या ने लगाए हैं वह भी निराधार हैं। मेरी पत्नी हाउस वाइफ है वे मेरे साथ बंगले में ही रहतीं है उनके द्वारा कोई धमकी उन्हें नहीं दी गई उन्होने प्राचार्या द्वारा लगाए गए समस्त आरोपों का खण्डन किया है।

एसपी ने पत्रकारों से मिलने से किया परहेज

जब उपरोक्त इतनी ब$डी घटना होने के कारण एवं एसपी पर प्राचार्या द्वारा अनसुनी किये जाने का आरोप लगाये जाने के बारे में एसपी पन्ना आईपी अरजरिया से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो वो कार्यालय में नहीं मिले। उनके शासकीय आवास में अधिकांश पत्रकार मिलने पहुंचे लेकिन उन्होंने मिलने से इंकार कर दिया। आवास के बाहर तैनात सुरक्षा कर्मी ने बताया कि साहब की तबीयत खराब है इसलिए वे किसी से नहीं मिलेंगे। इस प्रकार इतनी ब$डी घटना के बारे में अपना पक्ष एसपी ने देने की बजाये पत्रकारों से परहेज किया जो कहीं न कहीं न्यायोचित नहीं कहा जा सकता।

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