सबगुरु न्यूज-सिरोही। पिछले चार दिन से मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन योजना के तहत लाखेराव तालाब की डी-सिल्टिंग को लेकर भामाशाह और सभापति के बीच चल रही रस्साकशी शनिवार को खतम हुई। प्रभारी मंत्री ओटाराम देवासी तथा जिला कलक्टर वी सरवन की मध्यस्थता के बाद मामला हल हुआ। शहर के लाखेराव तालाब सहित अन्य छह तालाबों की डी-सिल्टिंग भी भामाशाह अपने दान की राशि से ही करेंगे। जिला कलक्टर की ओर से पत्र लिखने के बाद नगर परिषद भामाशाहों को इसका स्वीकृति पत्र जारी करेगी।
सूत्रों के अनुसार इस मुद्दे पर विपक्ष के आक्रामक तेवर और सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाओं के बाद प्रभारी मंत्री और जिला प्रशासन पर इस मामले को सुलझाने के लिए राज्य सरकार का जबरदस्त दबाव था। इस मामले में दानदाताओं को नाराज करने के मुद्दे के साथ विपक्ष के भाजपा पर हावी होने से हो रही बदनामी के बाद अंततः यह मामला फिर पटरी पर आ गया।
सर्किट हाउस में शनिवार को हुई वार्ता में दानदाताओं की तरफ से महावीर जैन, विक्रमसिंह, एडवोकेट सुरेश सुराणा के साथ नगर परिषद सभापति ताराराम माली, दानदाता पंकज गांधी व तहसीलदार विरेन्द्रसिंह भी बैठे थे। इस दौरान सुरेश सगरवंशी, अशोक पुरोहित, नारायण देवासी, कैलाश जोशी, राजेन्द्र नरूका भी मौजूद थे। इस मसले पर एकमात्र सबगुरु न्यूज वेब पोर्टल ने सबसे सटीक और हर घटनाक्रम के तुरंत बाद समाचारों को प्रकाशन करके सरकार, प्रशासन और जनता को हर पल की अपडेट से अवगत करवाया और मसला इस स्थिति में पहुंचा कि सभी पक्ष एक मंच के नीचे आए।
-यूं बनी बात
सिरोही सर्किट हाउस में इसके लिए दो चरणों में वार्ता चली। पहले चरण में प्रभारी मंत्री ओटराम देवासी ने दानदाताओं व सिरोही सभापति को इस मसले को सुलझाने के लिए कहा। दानदाताओं की ओर से संपूर्ण प्रकरण बताने के बाद विधायक सभापति को राजधर्म बताया। इसके बाद दूसरे चरण में वार्ता में जिला कलक्टर भी शामिल हुए।
बैठक के बाद प्रभारी मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि सभी पक्षों की मौजूदगी में यह तय हुआ कि भामाशाह ही नगर परिषद की पेराफेरी में पडने वाले सातों तालाबों की डी-सिल्टिंग करवाएंगे। तकनीकी और वर्किंग समिति वही रहेगी। बस इसके लिए मुख्यमंत्री जल स्वालम्बन योजना के तहत जिला कलक्टर की ओर से नगर परिषद को पत्र जारी किया जाएगा और नगर परिषद दानदाताओं को पत्र लिखकर इसकी अनुमति देगा।
प्रभारी मंत्री ने बताया कि यह कार्य अनवरत जारी है और जारी रहेगा। इसका भुगतान भामाशाह की ओर से घोषित राशि से भामाशाह ही करेंगे। उन्होंने बताया सिर्फ सामंजस्य के अभाव में यह मुद्दा इस स्थिति तक पहुंचा। सामंजस्य स्थापित होने के बाद सभी एजेंसियों ने जनहित में यह फैसला लिया है। सभापति ने बताया कि वह भी दानदाता के रूप में इस कार्य के लिए अपनी ओर से घोषित दो लाख रुपये की सहयोग राशि इस कार्य में देंगे और भामाशाह के रूप में भी इस पुनित कार्य का हिस्सा होंगे।
-पुराने तेवरों से अलग तेवर में दिखे मंत्री और कलक्टर
इस मामले को लेकर भामाशाहों में जा रहे गलत संदेश और कांग्रेस के पूर्व विधायक संयम लोढा के सरकार को आढे हाथों लेने के पूरे मानस को भांपते हुए हुए सरकार कितनी संजीदा थी इसका अंदाजा प्रभारी मंत्री और जिला कलक्टर के तेवरों से ही लगाया जा सकता है। इन दोनों ने इस प्रकरण को निपटाने के लिए समझाइश से एक कदम आगे बढने की रणनीति अपनाते हुए तेवर व लहजा बदला और मामला पटरी पर आ गया।
-काम जारी रहेगा, 7 को होगा सामुहिक श्रमदान
प्रभारी मंत्री देवासी ने बताया कि लाखेराव तालाब में डी-सिल्टिंग का कार्य लगातार होता रहेगा और इसे भामाशाह ही करवाएंगे। उन्होंने बताया इस कार्य में सामुहिक जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए 7 अप्रेल को संपूर्ण शहर और हर वर्ग व व्यवसाय के लोगों की ओर सामूहिक श्रमदान कार्यक्रम रखा जाएगा। जिसका प्रचार-प्रसार किया जाएगा। प्रभारी मंत्री ने बताया कि लाखेराव की डी-सिल्टिंग के बाद सिरोही शहर के शेष छह तालाबों की डी-सिल्टिंग भी होगी। इसकी डिजायन और अनुमति भी भामाशाहों को दे दी जाएगी।
-लोढा की बताई कानूनी बाध्यता भी आई समझ में
सिरोही सभापति के गुरुवार को डाक बंगले में दानदाताओं के साथ हुई बैठक के बाद इनकार करने के बाद नगर परिषद ने भामाशाहों के माध्यम से लाखेराव तालाब की डी-सिल्टिंग करवानी शुरू कर दी थी। यह काम मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत नहीं होने और नगर परिषद की ओर से इसका प्रस्ताव नहीं लिए जाने के कारण कांग्रेस के पूर्व विधायक संयम लोढा ने भाजपा पर भामाशाहों का अपमान का आरोप लगाते हुए प्रमुख शासन सचिव खान दीपक उप्रेती को इसकी डी-सिल्टिंग को अवैध खनन बताते हुए विरोध जताया।
कांग्रेस पार्षदों ने भी इस कार्य की अनुमति नगर परिषद बोर्ड से नहीं लिए जाने के लिए ज्ञापन दिया। इसके बाद उप्रेती ने जिला कलक्टर व खनि अभियंता से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी थी। सभापति पत्रकारों को बताया कि इस कार्य में नगर परिषद का पैसा लगाने के लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाते हुए बोर्ड से पास करवाना होगा, यह एक लम्बी प्रक्रिया हैं। इससे भाजपा की मंशानुसार विकास कार्य में देरी होगी इसलिए यह तय किया है कि प्रशासनिक समिति की देखरेख में डी-सिल्टिंग का काम दानदाता ही करवाएंगे। नगर परिषद प्रशासनिक बाॅडी के रूप में इसका हिस्सा रहेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए धन की कमी नही आएगी।
-विधायक मद से भी देंगे राशि
विधायक ओटाराम देवासी ने कहा कि सिरोही शहर में जल संरक्षण के कार्य के लिए वह विधायक मद से भी राशि देंगे। इसके अलावा उन्होंने जलदाय विभाग के पीछे स्थित झोब नाले से लाखेराव तालाब में जाने वाले गंदे पानी की निकासी के लिए नाला निर्माण के लिए एस्टीमेट बनाकर देने के लिए भी सभापति को कहा।
-वाटर एटीएम की प्रक्रिया तेज करेंगे
सभापति ने बताया कि सिरोही शहर में वाटर एटीएम की स्थापना के लिए जो पत्र दानदाताओं की ओर से आया है उसकी प्रक्रिया को तेज करके शीघ्र ही इस कार्य को करवाया जाएगा। इस पर दानदाता आदर्श चेरीटेबल ट्रस्ट के प्रतिनिधि के रूप में बैठे विक्रमसिंह ने यह विश्वास दिलवाया कि यदि सभापति इस प्रक्रिया को शीघ्र ही पूर्ण कर देते हैं तो वह करीब चार करोड रूपये की लागत से सिरोही शहर के सभी वार्डों में वाटर एटीएम की स्थापना करवाने का काम शुरू कर देंगे। इसी मामले में मंत्री देवासी ने बताया कि 7 अप्रेल को कलक्टर परिसर, पुलिस लाइन और बस स्टैण्ड पर लगने वाले तीन वाटर एटीएम का लोकार्पण भी किया जाएगा।
-कोई भी ले जाए मिट्टी
प्रभारी मंत्री व जिला कलक्टर ने बताया कि लाखेराव समेत सिरोही शहर के सभी तालाबों की डी-सिल्टिंग मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत करवाई जा रही है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति अपना लोडर लाकर इसकी मिट्टी को निशुल्क ले जा सकता है। दोनों ने बताया कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान फेज वाइज है। लेकिन सिरोही शहर में जल संरक्षण के लिए राशि पहले ही घोषित हो गई। ऐसे में सिरोही में इस कार्य को पहले ही चरण में करवा लिया गया है।
एक अंतर यह किया है कि इसके लिए समस्त खर्चे का हिसाब-किताब दानदाता ही करेंगे। प्रशासनिक समिति इसकी माॅनीटरिंग करेगी। उन्होंने बताया कि लाखेराव तालाब में बारिश आई हुई मिट्टी को ही हटाया जा रहा है। इससे इसके फूटने जैसी कोई बात नहीं है, इसकी खुदाई नहीं की जा रही है और जल संसाधन विभाग के अभियंता की ओर से चिन्हित क्षेत्र को ही डी-सिल्ट किया जा रहा है।
-क्या था संपूर्ण विवाद
सिरोही में आयोजित प्रवासी सम्मेलन में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन योजना के हत सिरोही शहर के जलस्रोतों में जल संरक्षण के लिए आदर्श चेरीटेबल ट्रस्ट के मुकेश मोदी, ज्ञान रमण फाउण्डेशन के पंकज गांधी ने 11-11 लाख, जल बिरादरी के सुरेश सुराणा ने पांच लाख तथा सभापति ताराराम माली ने दो लाख रुपये की घोषणा की थी। भामाशाहों ने अभियान के तहत सोमवार को प्रशासन की तकनीकी समिति की देखरेख में सोमवार को चिन्हित क्षेत्र में लाखेराव तालाब की डी-सिल्टिंग शुरू की।
मंगलवार रात को पहली बार सिरोही ब्लाॅक अध्यक्ष सुरेश सगरवंशी तथा भाजयुमो जिलाध्यक्ष हेमंत पुरोहित ने इस कार्य के लिए बनी समिति में सभापति को शामिल नहीं किए जाने की आपत्ति सोशल मीडिया पर दी। बुधवार को सभापति ने जिला कलक्टर को मिलकर इसकी डी-सिल्टिंग में किसी भी तरह की समस्या आने पर प्रशासनिक जिम्मेदारी होने का पत्र लिखा शाम को प्रकाश माली ने डी-सिल्टिंग से तालाब फूटने तथा अन्य मुद्दों के साथ कार्य रुकवाने का ज्ञापन एडीएम को दिया। शाम को ही एसडीएम ने इसक काम को रुकवा दिया।
गुरुवार को डाक बंगले में जिला कलक्टर की मौजूदगी में सभापति ताराराम माली तथा दानदाताओं के बीच बैठक हुई, जिसमें माली ने दानदाताओं को इस तालाब की डी-सिल्टिंग का आदेश नहीं देने और यह काम नगर परिषद की ओर से ही करवाने की बात कही। इसके बाद दानदाताओं ने सिरोही शहर में जल सरक्षण के लिए दिए जाने वाले 27 लाख तथा वाटर एटीएम स्थापित करने के लिए करीब सवा चार करोड रुपये की घोषणा वापस लेने की बात कही।
शुक्रवार को नगर परिषद ने इसकी डी-सिल्टिंग अन्य दानदाताओं से जारी रखवाई। इसी दिन पूर्व विधायक संयम लोढा ने भाजपा सरकार पर दानदाताओं का अपमान करने का आरोप लगाते हुए नगर परिषद की ओर से करवाई जा रही डी-सिल्टिंग को अवैध खनन करार देकर सरकार को ही कठघरे में खडा कर दिया। इसके बाद शनिवार को प्रभारी मंत्री ने सभी पक्षों की बैठक बुलवाकर समझाइश करवाई। हर एक खबर को उसी दिन उसी समय एकमा़त्र सबगुरु न्यूज वेब पोर्टल ने सोशल मीडिया के माध्यम सरकार, प्रशासन व जनता के बीच पहुंचाया।