कोलकाता। मकर संक्रांति के पावन मुहूर्त में पुण्य स्नान के लिए देश भर से आए लाखों श्रद्धालुओं शुक्रवार को गंगा सागर में डुबकी लगा कर इश्वर के प्रति अपनी अगाध आस्था प्रदर्शित की।
शुक्रवार तडके से ही लोग स्नान के लिए पडावों से निकल कर आने लगे। हालांकि स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह सात बजे के बाद प्रारंभ हुआ और दोपहर साढे बारह बजे तक चला। पुण्य स्नान का सिलसिला इसके बाद भी जारी रहा।
स्नान के बाद पुण्यार्थियों ने मेला परिसर में स्थित महादेव के मंदिर तथा कपिल मुनि आश्रम में जाकर पूजा अर्चना की। स्नान और पूजा के बाद श्रद्धालुओं के चेहरे पर संतोष और सफलता के भाव साफ नजर आ रहे थे।
इसके साथ ही पिछले एक हफ्ते से गंगा सागर मेले में जारी चहल-पहल कम होने लगा। स्नान और पूजा के बाद श्रद्धालुओँ के वापस लौटने का सिलसिला भी शुरू हो गया। हर साल की तरह इस बार भी देश भर से आए लाखों श्रद्धालु साधु-संत गंगा सागर के पावन संगम पर स्नान कर पुण्य के भागी बने।
स्नान के दौरान उमडने वाली भारी भीड को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से विशेष इंतजाम किए गए थे। घाटों पर नौसेना व आपदा प्रबंधन दल के तैराकों की तैनाती की गई थी। मेला परिसर में जगह-जगह वोलेंटियर मौजूद थे जो श्रद्धालुओं की मदद करते देखे गए।
हालांकि कुछ लोगों ने स्नान और पूजा-अर्चना में कठिनाई की शिकायत की। कुछ लोगों के परिजन भीड में उनसे बिछड गए थे। इस सबके बीच हर-हर महादेव के नारे भी गूंज रहे थे। कुल मिला कर हर तरफ भक्ति और आस्था के दृश्य परिलक्षित हो रहे थे।
पुण्य स्नान और पूजा के बाद लोग मेले में खरीदारी करते देखे गए। दूर-दराज से आए बहुत से लोग आज ही वापस लौट गए जबकि कुछ ऐसे भी थे जो आज वहीं रूकने की योजना बना रहे थे। दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन ने दावा किया कि मेले के दौरान कोई बडी अप्रिय घटना नहीं हुई और सब कुछ शांतिपूर्वक संपन्न हो गया।