नई दिल्ली। आईपीएल के पूर्व आयुक्त ललित मोदी और भाजपा नेताओं के साथ सांठगांठ मामले को कांग्रेस बहुत जोर शोर से उठा रही है। इस मामले में कांग्रेस की परेशानी यह कि वह पूरी तरह से अलग थलग पड गई है।
ललित प्रकरण पर कोई भी राजनीतिक दल कांग्रेस का साथ देता नहीं दिख रहा है। कांग्रेस नेता भी इस बात को मान रहें हैं इतने बडे मुद्दे पर विपक्षी दल उसका साथ नहीं दे रहें हैं।
भाजपा नेताओं और मंत्रियों के ललित मोदी के साथ संबंध को कांग्रेस प्रत्येक मंत्र पर उठाने की बात कर रही हैं। कांग्रेस ने यह भी संकेत दिये है कि 21 जूलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र में भी इस मुद्दे को जोर शोर से उठाएगी।
अन्य विपक्षी दलों द्वारा इस मुद्दे पर साथ नहीं मिलने पर कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मुनसिंघवी ने कहा कि कौन साथ आता है और कौन नहीं यह मुद्दा नहीं है।
कांग्रेस इसका विरोध उस समय तक करती रहेगी जब तक की राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज का इस्तीफा नहीं हो जाता है। उन्होंने कहा कि पार्टी मानसून सत्र में भी इस मामले को जोर शोर से उठाएगी।
कांग्रेस वसुंधरा राजे और सुषमा स्वराज के साथ ललित मोदी के संबधों को लेकर रोज नये नये खुलासे कर रही है। प्रधानमंत्री चुप्प है। उनकी चुप्पी भी कांग्रेस को खल रही है।
कांग्रेस इस बाहने सीधे प्रधानमंत्री पर भी हमलावार है। अब कांग्रेस उम्मीद मानसून सत्र से है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि इस मुद्द पर विपक्षी दल उसका साथ देंगे।