जयपुर। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में निर्वाचित अध्यक्ष ललित मोदी और उनके तीन पदाधिकारियों के भाग्य के फैसले के लिए सोमवार को बुलाई गई बैठक में जमकर घमासान हुआ। आरसीए में वर्चस्व की इस लडाई में बिगडी बात पथराव व तोडफोड तक पहुंच गई।
सवाई मान सिंह स्टेडियम के बाहर मोदी गुट की बसों पर ताबड़ तोड़ पत्थर बरसाए गए। इसमें बसों के शीशे टूट गए और कई लोग जख्मी भी हो गए। उधर, आरसीए में हुई बैठक में फैसला मोदी से बगावत करने वाले अमीन पठान के पक्ष में आया।
पिछले साल अक्टूबर में 20 से अधिक जिला संघों ने एक मीटिंग करके अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से मोदी सहित चार पदाधिकारियों को हटाने का दावा किया था। मोदी इसके खिलाफ कोर्ट में गए। कोर्ट ने उस अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया को गलत माना और कहा कि 12 मार्च से पहले पूरी प्रक्रिया अपनाते हुए नए सिरे से अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। तब तक आरसीए का प्रबंधन खेल परिषद के अध्यक्ष देखेंगे। इसी के मद्देनजर नए सिरे से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था।
इसके बारे में हुई बैठक के बाद खेल परिषद के अध्यक्ष खेल सचिव जे.सी. महांति ने बताया कि पूरी प्रक्रिया में 23 वोट डाले गए। इनमें 17 पक्ष में और एक वोट विरोध में प्राप्त हुआ। वहीं पांच विवादास्पद वोट सीलबंद लिफाफे में रखे गए हैं।
यह बैठक मोदी के अलावा सचिव सोमेंद्र तिवारी, कोषाध्यक्ष पवन गोयल डिप्टी प्रेसिडेंट महमूद आब्दी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए बुलाई गई थी। इस नतीजे को एक बार फिर मोदी गुट को झटका लगा है। ललित मोदी गुट के लोगों ने आरोप लगाए है कि पठान गुट के लोगों ने उन्हें वोट डालने से वंचित रखने के लिए व्यवधान डाले।
गुट के प्रवक्ता महमूद आब्दी ने पहले ही इस बैठक में बाहरी लोगों द्वारा अराजकता हिंसा फैलाने की आशंका जता दी थी। उन्होंने फेसबुक के कुछ पोस्ट भी मीडिया को दिखाए। इसमें खुद को भाजपा युवा मोर्चा का पदाधिकारी बताने वाले जंग बहादुर ने लिखा कि 9 मार्च को आरसीए अपेक्स पद के लिए आमीन पठान चुनाव लड रहे हैं, इसलिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग एसएमएस स्टेडियम पहुंचे। आब्दी ने कहा था कि इस तरह बाहरी लोगों को इकट्ठा किया जा रहा है।